Edited By Mansa Devi,Updated: 02 Aug, 2025 11:38 AM

क्या आपके वाहन पर भी ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का भारी-भरकम चालान बकाया है। अक्सर ऐसा होता है कि हम छोटी-छोटी गलतियों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन चौराहे पर लगे कैमरे हमारी हर गलती को रिकॉर्ड कर लेते हैं। कई महीनों बाद, जब हम अपने वाहन का...
नेशनल डेस्क: क्या आपके वाहन पर भी ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का भारी-भरकम चालान बकाया है। अक्सर ऐसा होता है कि हम छोटी-छोटी गलतियों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन चौराहे पर लगे कैमरे हमारी हर गलती को रिकॉर्ड कर लेते हैं। कई महीनों बाद, जब हम अपने वाहन का इंश्योरेंस या आरसी रिन्यू कराने जाते हैं, तो पता चलता है कि 5,000 से लेकर 20,000 रुपये तक का चालान बकाया है।
लेकिन अब आपको घबराने की ज़रूरत नहीं है! सरकार ने आम आदमी के लिए एक बेहद आसान और राहत भरा रास्ता दिया है: लोक अदालत। आप इस सरकारी प्रक्रिया के तहत अपने चालान की पूरी या आधी रकम भी माफ करवा सकते हैं। अगर आप इस प्रक्रिया के बारे में नहीं जानते हैं, तो आइए हम आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं।
लोक अदालत कब और कहाँ लगती है?
लोक अदालत साल में चार बार आयोजित होती है। आप अपने शहर या राज्य की न्यायिक वेबसाइट पर जाकर या स्थानीय अदालत से संपर्क करके अगली लोक अदालत की तारीख के बारे में जानकारी ले सकते हैं। आपको बता दें कि अगली लोक अदालत 13 सितंबर 2025 को राज्य और जिला स्तर पर लगेगी।
लोक अदालत के लिए कैसे करें अप्लाई?
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन: लोक अदालत की तारीख से दो दिन पहले आपको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। इस दौरान आपको एक अपॉइंटमेंट और एक टोकन नंबर मिलता है।
दस्तावेज़ तैयार रखें: अपने सभी ज़रूरी दस्तावेज़, अपॉइंटमेंट लेटर और टोकन नंबर के साथ तय तारीख पर लोक अदालत पहुँचे।
चालान की जाँच: सबसे पहले, आधिकारिक वेबसाइट echallan.parivahan.gov.in या mParivahan ऐप पर जाकर अपने चालान का स्टेटस चेक करें। आप अपने चालान नंबर, वाहन नंबर, या ड्राइविंग लाइसेंस नंबर से जानकारी पा सकते हैं।
प्रिंटआउट: चालान का प्रिंटआउट निकालें और लोक अदालत में पेश होने के लिए तैयार रहें। अगर आपके पास एक से ज़्यादा चालान हैं, तो आपको हर एक के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
कौन-कौन से चालान माफ हो सकते हैं?
लोक अदालत में आमतौर पर पुराने और छोटे ट्रैफिक चालानों की सुनवाई होती है। इनमें बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, गलत पार्किंग, या रेड लाइट जंप जैसे मामले शामिल होते हैं। कुछ मामलों में तो आपका पूरा जुर्माना माफ हो सकता है, जबकि कुछ में आपको 50% तक की छूट मिल सकती है।