Edited By Mahima,Updated: 10 Sep, 2024 02:07 PM
भारत, चीन और रूस मिलकर चांद पर एक न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की योजना बना रहे हैं। रूस की परमाणु ऊर्जा कंपनी रोसातम के प्रमुख एलेक्सी लिखाचेव ने इस बात की पुष्टि की है कि इस महत्वपूर्ण परियोजना में तीनों देशों की भागीदारी सुनिश्चित हो चुकी है।
नेशनल डेस्क: भारत, चीन और रूस मिलकर चांद पर एक न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की योजना बना रहे हैं। रूस की परमाणु ऊर्जा कंपनी रोसातम के प्रमुख एलेक्सी लिखाचेव ने इस बात की पुष्टि की है कि इस महत्वपूर्ण परियोजना में तीनों देशों की भागीदारी सुनिश्चित हो चुकी है।
2040 तक चांद पर इंसान का बेस बनाने की योजना
लिखाचेव ने रूस के व्लादिवोस्तोक में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम के दौरान बताया कि भारत और चीन इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में बड़ी रुचि दिखा रहे हैं। भारत का लक्ष्य 2040 तक चांद पर इंसानों को भेजकर वहां एक स्थायी बेस स्थापित करने का है, जो इस परियोजना की महत्वता को दर्शाता है।
न्यूक्लियर पावर प्लांट से आधा मेगावाट बिजली उत्पादन
रिपोर्ट के अनुसार, रोसातम द्वारा संचालित इस न्यूक्लियर पावर प्लांट से आधा मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिसका उपयोग चांद पर बनाए जाने वाले बेस के लिए किया जाएगा। लिखाचेव ने बताया कि चीन और भारत इस अभूतपूर्व परियोजना में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोसकॉस्मॉस ने मई में ही इस परियोजना पर काम शुरू करने की घोषणा की थी। यह रिएक्टर चांद पर स्थापित होने वाले बेस को ऊर्जा प्रदान करेगा, जिस पर रूस और चीन मिलकर काम कर रहे हैं। भारत भी इस प्रोजेक्ट में शामिल हो सकता है क्योंकि उसका भी चांद पर बेस बनाने का इरादा है।
रोबोट की मदद से बनाए जाएंगे न्यूक्लियर पावर प्लांट
चांद पर न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। रूस ने पहले ही घोषणा की है कि यह काम रोबोट की मदद से किया जाएगा, जो बिना इंसानों की मदद के काम करेगा। रूस और चीन ने 2021 में चांद पर एक संयुक्त बेस बनाने की योजना की घोषणा की थी, जिसे इंटरनेशनल लूनर रिसर्च स्टेशन (आई.एल.आर.एस.) कहा जाएगा। इस स्टेशन को 2035 और 2045 के बीच चरणबद्ध तरीके से चालू किया जाएगा।