ऑफ द रिकॉर्डः लोकपाल के पास कोई काम नहीं, सरकार ने अभी तक नहीं बनाए नियम

Edited By Pardeep,Updated: 23 Oct, 2019 03:48 AM

off the record lokpal has no work the government has not yet made rules

इस साल मार्च में 9 सदस्यीय लोकपाल का गठन किया गया था और 6 महीने बीत जाने के बाद भी अब तक कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था को चलाने के लिए नियम-कायदे तैयार नहीं किए हैं। लोकपाल के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के...

नेशनल डेस्कः इस साल मार्च में 9 सदस्यीय लोकपाल का गठन किया गया था और 6 महीने बीत जाने के बाद भी अब तक कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था को चलाने के लिए नियम-कायदे तैयार नहीं किए हैं। लोकपाल के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष पिछले कई महीनों से कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग पर दबाव बना रहे हैं कि वह नियमों को अंतिम रूप दे ताकि वह अपना काम प्रभावी ढंग से शुरू कर पाएं। 

लेकिन सीधे प्रधानमंत्री के अधीन आने वाले कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत दर्ज करने और ऐसी शिकायतों पर लोकपाल को किस तरह कार्रवाई करनी है उसका फार्मैट अभी तैयार करना है। लोकपाल सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों पर लगने वाले भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करेगा। सरकार चाहती है कि किसी ऊंचे पद पर बैठे शख्स के खिलाफ शिकायत सादे कागज की बजाय एक उचित फार्मैट पर दर्ज की जाए, हालांकि इस तरह का कोई फार्मैट तैयार नहीं किया गया है। 

लोकपाल का गठन मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला था ताकि मंत्रियों जिनमें प्रधानमंत्री भी शामिल हैं, उन पर लगने वाले भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की जा सके। अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक नियमों और कार्रवाई की प्रक्रिया के अभाव में लोकपाल शिकायतों का निपटारा करने में सक्षम नहीं है। यह भी साफ नहीं है कि सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की छानबीन करने वाले केंद्रीय सतर्कता आयोग (सी.वी.सी.) को लोकपाल के दायरे में लाया जाएगा या नहीं। फिलहाल लोकपाल चाणक्यपुरी में ‘द अशोक‘ होटल में अपना कार्यालय चला रहा है और किसी वैकल्पिक इमारत की तलाश में है। 

जस्टिस घोष लोकपाल के अध्यक्ष हैं जबकि 8 अन्य सदस्यों में से 4 विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश हैं जिनके नाम जस्टिस दिलीप बी. भौंसले, प्रदीप कुमार, अभिलाषा कुमारी और अजय कुमार त्रिपाठी हैं। लोकपाल के 4 अन्य सदस्यों में पूर्व आई.पी.एस. अधिकारी अर्चना रामासुंदरम, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव दिनेश कुमार जैन, हरियाणा और गुजरात कैडर के पूर्व आई.आर.एस. अधिकारी महेंद्र सिंह और पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी इंद्रजीत प्रसाद गौतम शामिल हैं। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लोकपाल के लिए नियम तैयार करने पर हमारा पूरा ध्यान है, कुछ मुद्दे हैं जिनका हल निकाला जा रहा है। 

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