Edited By Mansa Devi,Updated: 14 Jul, 2025 11:47 AM

अगर आप अक्सर ट्रैफिक जाम में फंसकर परेशान हो जाते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब बाइक टैक्सियां जल्द ही कानूनी तौर पर सड़कों पर वापस आ रही हैं। केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है, जिससे अब निजी दोपहिया वाहनों...
नेशनल डेस्क: अगर आप अक्सर ट्रैफिक जाम में फंसकर परेशान हो जाते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब बाइक टैक्सियां जल्द ही कानूनी तौर पर सड़कों पर वापस आ रही हैं। केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है, जिससे अब निजी दोपहिया वाहनों को भी व्यावसायिक इस्तेमाल (यानी टैक्सी के तौर पर) की मंजूरी मिल गई है।
महाराष्ट्र बना पहला राज्य
इस बदलाव के बाद, महाराष्ट्र भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने बाइक टैक्सियों को आधिकारिक मंजूरी दी है और इसके लिए नए नियम भी लागू कर दिए हैं। इसका मतलब है कि अब आपकी निजी बाइक भी टैक्सी के तौर पर चल सकती है, बशर्ते आप नए नियमों का पालन करें।
क्या बदले हैं नियम?
अगर आप पहले से ही रैपिडो (Rapido) या उबर मोटो (Uber Moto) जैसी कंपनियों से जुड़े हुए हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद ज़रूरी है। पहले केवल 'येलो-बोर्ड' (पीले रंग की नंबर प्लेट वाली) गाड़ियों को ही कमर्शियल परमिट मिलता था, और निजी बाइक से यात्रियों को ढोना गैरकानूनी था. लेकिन अब ये नियम बदल चुके हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने इस संबंध में 'सरकारी प्रस्ताव' जारी कर दिए हैं, जिससे कुछ बातें साफ हो गई हैं:
➤ इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी को प्राथमिकता: सरकार ने स्पष्ट किया है कि इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सियों को ज़्यादा बढ़ावा दिया जाएगा।
➤ पेट्रोल बाइक के लिए नियम: उन इलाकों में पेट्रोल बाइक टैक्सी चल सकेंगी, जहाँ इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग की सुविधा कम है।
➤ ज़रूरी सुरक्षा फीचर्स: सभी बाइक में GPS (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य होगा।
➤ ड्राइवर के लिए शर्तें: ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस होना चाहिए, और उन्हें यूनिफॉर्म पहनना होगा. साथ ही, उनकी पहचान के लिए QR कोड भी अनिवार्य किया गया है।
इलेक्ट्रिक बाइक को बढ़ावा क्यों?
महाराष्ट्र सरकार की इस नीति से पता चलता है कि वह पर्यावरण को लेकर गंभीर है। अब इलेक्ट्रिक बाइक को प्राथमिकता देने से शहरों में प्रदूषण कम होगा, जिससे हवा की गुणवत्ता सुधरेगी। इसके साथ ही, यह फैसला इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में भी मांग बढ़ाएगा, जिससे नए रोज़गार के अवसर भी पैदा हो सकते हैं।
अन्य राज्यों में स्थिति
आपको बता दें, 16 जून, 2025 को कर्नाटक में ऐप-आधारित कंपनियों द्वारा संचालित बाइक टैक्सी सेवाएँ बंद हो गई थीं। ऐसा कर्नाटक हाईकोर्ट के परिचालन निलंबित करने के निर्देश के बाद हुआ था। इस आदेश के बाद ओला (Ola), उबर (Uber) और रैपिडो जैसे राइड-हेलिंग ऐप्स ने भी अपनी बाइक टैक्सी सेवा के विकल्प हटा दिए थे।