सावधान! इस खतरनाक Virus की वापसी: जानिए कैसे आपके आस-पास के फल और जानवर बन सकते हैं मौत की वजह

Edited By Updated: 14 Jul, 2025 03:07 PM

nipah virus strikes again deadly threat spreads from animals to humans

भारत एक बार फिर एक खतरनाक वायरस के खतरे की चपेट में आता दिखाई दे रहा है। इस बार यह कोई नया वायरस नहीं बल्कि पुराना और जानलेवा निपाह वायरस (Nipah Virus) है, जिसने एक बार फिर अपने पांव पसार लिए हैं। केरल के पलक्कड़ जिले से आई खबरों के अनुसार एक...

नेशनल डेस्क: भारत एक बार फिर एक खतरनाक वायरस के खतरे की चपेट में आता दिखाई दे रहा है। इस बार यह कोई नया वायरस नहीं बल्कि पुराना और जानलेवा निपाह वायरस (Nipah Virus) है, जिसने एक बार फिर अपने पांव पसार लिए हैं। केरल के पलक्कड़ जिले से आई खबरों के अनुसार एक व्यक्ति की मौत इस वायरस की वजह से हो चुकी है और कई अन्य लोग निगरानी में हैं।

क्या है निपाह वायरस और कहां से आया?

निपाह वायरस कोई नया नाम नहीं है। इसकी शुरुआत 1998 में मलेशिया के एक गांव 'निपाह' से हुई थी। तभी से इस वायरस का नाम 'निपाह वायरस' रखा गया। मलेशिया और सिंगापुर में 1998-99 के बीच इस वायरस के 276 मामले सामने आए थे। भारत में इस वायरस का पहला मामला 2001 में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी शहर में मिला था, जहां करीब 66 लोग इससे संक्रमित हुए और कई की जान चली गई। इसके बाद 2007 में नादिया (पश्चिम बंगाल) और फिर 2018 से 2023 तक केरल में इसके मामले सामने आते रहे हैं।

जानवरों से इंसानों में कैसे फैलता है यह वायरस?

निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है यानी यह जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह खासकर फ्रूट बैट्स (फल खाने वाले चमगादड़) के ज़रिए फैलता है। ये चमगादड़ जब किसी फल पर पेशाब या लार छोड़ते हैं और वही फल अगर इंसान खा लेता है तो वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है। इसके अलावा यह सूअर, घोड़े, कुत्ते और बंदरों जैसे जानवरों से भी फैल सकता है। जब इंसान इन संक्रमित जानवरों के संपर्क में आता है या उनका मांस या झूठा खा लेता है तब भी यह वायरस फैल सकता है।

इंसानों से इंसानों में कैसे फैलता है निपाह?

निपाह वायरस एक बार इंसान में प्रवेश कर जाए, तो यह सीधा संपर्क, जैसे कि संक्रमित व्यक्ति की लार, बलगम, खून या पेशाब के संपर्क में आने से दूसरों में भी फैल सकता है। यही कारण है कि किसी मरीज की देखभाल करने वाले परिजन, स्वास्थ्यकर्मी और दाह संस्कार में शामिल लोग सबसे ज्यादा जोखिम में रहते हैं।

क्या हैं निपाह वायरस के लक्षण?

निपाह वायरस के लक्षण दिखने में आम बुखार जैसे हो सकते हैं लेकिन यह तेजी से खतरनाक रूप ले सकता है। इसके शुरुआती लक्षण हैं:

  • हल्का या तेज बुखार

  • सिरदर्द

  • मांसपेशियों में दर्द

  • थकान और कमजोरी

  • सांस लेने में दिक्कत

  • उल्टी

कुछ मामलों में, वायरस मस्तिष्क तक पहुंच जाता है जिससे मरीज कोमा में चला जाता है या उसे दौरे पड़ने लगते हैं। सिलीगुड़ी में सामने आए मामलों में 97% मरीज कोमा में चले गए थे, जबकि 51% को सांस संबंधी दिक्कत और 43% को मरोड़ की समस्या हुई थी।

कितने दिन में वायरस करता है असर?

निपाह वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड यानी शरीर में वायरस के प्रवेश से लेकर लक्षण दिखने तक का समय 4 से 21 दिन तक हो सकता है। यही समय सबसे ज्यादा सावधानी बरतने वाला होता है क्योंकि व्यक्ति खुद को सामान्य समझ सकता है पर दूसरों को संक्रमित कर सकता है।

अफ्रीकी बंदरों के दिमाग में भी मिला था यह वायरस

बांग्लादेश में हुए एक अध्ययन में निपाह वायरस की जांच के लिए अफ्रीकी बंदरों के दिमाग पर परीक्षण किया गया। रिपोर्ट में पाया गया कि उनके मस्तिष्क में वही लक्षण दिखे जो इंसानों में होते हैं। इससे यह पुष्टि होती है कि यह वायरस न्यूरोलॉजिकल सिस्टम पर सीधा असर डालता है।

निपाह वायरस से बचाव के तरीके

निपाह वायरस का अभी कोई पक्का इलाज या वैक्सीन नहीं है, इसलिए बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है। बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखें:

  • किसी भी फल को खाने से पहले अच्छे से धो लें

  • जमीन पर गिरे या अधपके फल न खाएं

  • जानवरों के संपर्क में आने के बाद हाथों को अच्छी तरह धोएं

  • बीमार व्यक्ति की देखभाल करते समय दस्ताने, मास्क और पीपीई किट पहनें

  • खुले कुएं या उन जगहों से दूर रहें जहां चमगादड़ आ सकते हैं

  • भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का इस्तेमाल करें

मृतकों के शवों के लिए भी है खास सावधानी

निपाह वायरस से मरने वाले लोगों के शव भी संक्रमण फैला सकते हैं। इसलिए सरकार ने शवों के निपटान के लिए विशेष गाइडलाइन्स जारी की हैं। जैसे:

  • अंतिम संस्कार के दौरान पारंपरिक छूने या किस करने की प्रक्रिया से बचें

  • PPE किट में शव को ले जाना

  • शव को छूने वालों की विशेष निगरानी

  • परिवार को संक्रमण से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की सलाह मानना जरूरी

केरल में निपाह वायरस की मौजूदा स्थिति

केरल के पलक्कड़ जिले में हाल ही में एक व्यक्ति की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। सरकार ने इस व्यक्ति के संपर्क में आए 553 लोगों की लिस्ट तैयार की है और सभी की निगरानी की जा रही है। कुछ जिलों में अलर्ट घोषित किया गया है जिनमें पलक्कड़ और मलप्पुरम शामिल हैं। यहां लोगों को मास्क पहनने, अस्पतालों से दूरी बनाए रखने और बिना ज़रूरत अस्पताल न जाने की सलाह दी गई है।

सरकार की गाइडलाइन्स क्या कहती हैं?

राज्य सरकार ने निपाह वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं:

  • 6 जिलों में अलर्ट घोषित

  • मास्क पहनना अनिवार्य

  • भीड़ से दूरी बनाने की सलाह

  • संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों की RTPCR जांच

  • मृतकों के संपर्क में आए लोगों की ट्रैकिंग और आइसोलेशन

निपाह वायरस को लेकर लोगों में डर क्यों है?

निपाह वायरस की वजह से मौत का खतरा बहुत ज्यादा होता है। इसकी मृत्यु दर 40% से 75% तक बताई गई है, जो इसे बेहद जानलेवा बनाती है। साथ ही इसका कोई वैक्सीन या दवा ना होना भी लोगों की चिंता को बढ़ाता है।

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