Edited By Parminder Kaur,Updated: 07 Sep, 2024 01:19 PM
दिल्ली सरकार ने जेलों में कैदियों की सुरक्षा और उनके मानवाधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने घोषणा की है कि अगर जेल में किसी कैदी की अप्राकृतिक मौत होती है, तो उसके परिवार को 7.5 लाख रुपए का...
नेशनल डेस्क. दिल्ली सरकार ने जेलों में कैदियों की सुरक्षा और उनके मानवाधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने घोषणा की है कि अगर जेल में किसी कैदी की अप्राकृतिक मौत होती है, तो उसके परिवार को 7.5 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा।
दिल्ली सरकार ने इस फैसले के लिए एक प्रस्ताव उप-राज्यपाल के पास भेजा है। इस प्रस्ताव के अनुसार, जेल में कैदियों के बीच झगड़े, जेल कर्मचारियों द्वारा पिटाई या यातना, जेल अधिकारियों की लापरवाही, या चिकित्सा/पैरामेडिकल कर्मचारियों की लापरवाही के कारण अगर किसी कैदी की अप्राकृतिक मौत होती है, तो यह मुआवजा मिलेगा।
हालांकि, आत्महत्या, जेल से भागने के प्रयास में या जेल के बाहर वैध हिरासत से भागने के प्रयास में होने वाली मौतें, कैदी की प्राकृतिक मौत और आपदा के कारण होने वाली मौतों पर यह मुआवजा लागू नहीं होगा। इसके अलावा बीमारी के कारण होने वाली मौतों पर भी मुआवजा नहीं मिलेगा।
गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि यह पहल जेल प्रणाली में न्याय और जवाबदेही सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कदम जेलों में सुधार लाने और लापरवाही को कम करने की दिशा में एक ऐतिहासिक प्रयास है।
एलजी की मंजूरी मिलने के बाद जैसे ही नोटिफिकेशन जारी होगा, यह नई पॉलिसी लागू हो जाएगी। जेल में किसी कैदी की मृत्यु के मामले में जेल अधीक्षक को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। जेल महानिदेशक की अध्यक्षता में एक समिति इस रिपोर्ट की समीक्षा करेगी और नियमों के अनुसार मुआवजे के बारे में निर्णय लेगी।