पाकिस्तान ने भी मनाई कृषि कानून रद्द होने की खुशी, ‘चढ़दे-लहंदे पंजाब’ के लोग बोले- अरदास कबूल हुई

Edited By Tanuja,Updated: 20 Nov, 2021 01:11 PM

pakistan punjab s people happy after farm laws repealed

गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व के मौके पर केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने के फैसले से भारत के पाकिस्तानी पंजाब की लोग भी खुश है। ...

पेशावरः गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व के मौके पर केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने के फैसले से भारत के  पाकिस्तानी पंजाब की लोग भी खुश है। बंटवारे के समय पाकिस्तान में चले गए ‘लहंदे पंजाब’ के लोगों की नजरें भी सालभर से आंदोलन कर रहे भारतीय किसानों पर लगी थीं। वहां की अवाम ने कृषि बिल वापस लिए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले को ‘देर आए, दुरुस्त आए’ वाला करार दिया।

 

अमृतसर में गोल्डन टैंपल की नींव रखने वाले साईं मियां मीर के वंश से ताल्लुक रखने वाले साईं रजा अली भी गुरु पर्व के मौके पर करतारपुर साहिब में माथा टेकने पहुंचे हुए थे। उन्होंने खेती कानून वापस होने पर भारतीय किसानों को शुभकामनाएं दीं।  उन्होंने कहा कि आंदोलन में किसी किसान की मौत पर जितना दुख भारत में रहने वालों को होता था, उतना ही दुख पाकिस्तान के लोग भी महसूस करते थे। उन्होंने किसानों को खेती कानून वापस होने पर शुभकामनाएं दीं। साईं रजा अली ने यह भी कहा कि भारत सरकार को यह बिल कभी पास ही नहीं करने चाहिए थे। पंजाब के किसान देश का सरमाया और अन्नदाता हैं। उनके साथ जो हुआ, वह बर्दाश्त करने लायक नहीं था।

 

पाकिस्तानी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मेंबर रमेश सिंह अरोड़ा ने कहा कि सालभर से ही पाकिस्तान के सभी गुरुद्वारों में खेती कानूनों को वापस लेने के लिए अरदास की जा रही थी, जो आज बाबा नानक के प्रकाश पर्व पर कबूल हो गई।   रमेश सिंह अरोड़ा ने कहा कि पाकिस्तान में डेढ़ सौ से ज्यादा गुरुद्वारे हैं और इन सभी में सालभर से ही तीनों कृषि कानून वापस होने के लिए अरदास की जा रही थी। जब किसी किसान के मारे जाने की खबर पाकिस्तान पहुंचती, तो सभी दुखी होते। जान गंवाने वाले किसान की आत्मिक शांति के लिए भी अरदास करते।

 

पाकिस्तान के लाहौर में रहने वाले सैयद और मोहम्मद भी गुरु पर्व के मौके पर शुक्रवार को करतारपुर साहिब में माथा टेकने पहुंचे हुए थे। उन्होंने कहा कि वह भारतीय किसानों और उनके संघर्ष के बारे में शुरू से पढ़ते रहे। आज उनका संघर्ष पूरा हुआ, यह खुशी की खबर है। पाकिस्तान में लहंदे पंजाब के सभी किसान भाई चढ़दे पंजाब में रहने वाले अपने भाइयों को शुभकामनाएं देते हैं। यह उनके संघर्ष की जीत है।

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