Edited By Tanuja,Updated: 17 Dec, 2025 06:42 PM

पाकिस्तान सरकार ने घाटे में चल रही PIA की पूरी 100% हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। बोलीदाताओं ने सरकार की भूमिका खत्म करने की शर्त रखी थी। निजीकरण के जरिए एयरलाइन के पुनरुद्धार की उम्मीद की जा रही है।
Islamabad: भारत और अफगानिस्तान को युद्ध की धमकियां देने वाला पाकिस्तान खुद आर्थिक मोर्चे पर घुटनों पर आ चुका है। इसकी सबसे बड़ी मिसाल बनी है पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA), जिसे अब सरकार पूरी तरह बेचने जा रही है। कंगाली की हालत यह है कि राष्ट्रीय एयरलाइन की 100 फीसदी हिस्सेदारी नीलाम करने का फैसला लेना पड़ा। पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली का सबसे बड़ा प्रतीक बन चुकी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) अब पूरी तरह निजी हाथों में जाने वाली है। पाकिस्तान सरकार ने घाटे में डूबी इस राष्ट्रीय एयरलाइन की पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का ऐलान कर दिया है। यह फैसला उस समय लिया गया जब सभी बोलीदाताओं ने साफ शर्त रख दी कि निजीकरण के बाद सरकार की कोई भूमिका स्वीकार नहीं होगी।
PIA की बोली 23 दिसंबर को लगाई जाएगी। शुरुआत में सरकार 75 प्रतिशत शेयर बेचने की तैयारी में थी, लेकिन अब सफल बोलीदाता को एक महीने के भीतर बाकी 25 प्रतिशत हिस्सेदारी भी 12 प्रतिशत प्रीमियम पर खरीदने का विकल्प दिया जाएगा। यह प्रीमियम इसलिए रखा गया है क्योंकि खरीदार को भुगतान एक साल बाद करने की छूट दी जाएगी।सरकारी सूत्रों के अनुसार, बोली की कुल रकम में से सरकार को सिर्फ 7.5 प्रतिशत नकद मिलेगा, जबकि 92.5 प्रतिशत राशि सीधे PIA में डाली जाएगी, ताकि एयरलाइन को दोबारा खड़ा करने की कोशिश की जा सके।
क्यों झुकी पाकिस्तान सरकार?
निजीकरण आयोग के अधिकारियों के मुताबिक, चारों बोलीदाताओं ने सरकार के किसी भी हस्तक्षेप को सिरे से खारिज कर दिया। प्रमुख बोलीदाताओं में लकी सीमेंट कंसोर्टियम, आरिफ हबीब ग्रुप, फौजी फर्टिलाइज़र (फौजी फाउंडेशन)और एयर ब्लू शामिल हैं।प्रधानमंत्री के निजीकरण सलाहकार मुहम्मद अली ने कहा कि PIA को पुराने गौरव तक पहुंचाने के लिए भारी निवेश, नए विमान और बेड़े का आधुनिकीकरण जरूरी है, जो मौजूदा हालात में सरकार के लिए संभव नहीं है।
कर्ज़ का बोझ और कड़वी हकीकत
निजीकरण से पहले सरकार ने PIA का 654 अरब पाकिस्तानी रुपये का कर्ज़ एक अलग होल्डिंग कंपनी में डाल दिया है, जिससे एयरलाइन अब 30 अरब रुपये की पॉजिटिव इक्विटी में दिखाई जा रही है। इसके बावजूद नए मालिकों को 26 अरब रुपये टैक्स और एयरपोर्ट शुल्क चुकाने होंगे।PIA के पास कुल 34 विमान हैं, जिनमें से सिर्फ 18 ही उड़ान के लायक हैं। हालांकि, 97 देशों के साथ एयर सर्विस एग्रीमेंट और कीमती लैंडिंग स्लॉट इसे निवेशकों के लिए अब भी एक अहम संपत्ति बनाते हैं। सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कानूनी सुरक्षा, सरकारी सहयोग और कुछ देनदारियों से छूट देने का भी वादा किया है।