Edited By Archna Sethi,Updated: 04 Oct, 2022 07:57 PM
हरियाणा के सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि चीनी मिलें किसानों को गन्ने की राशि का भुगतान करना सर्वोपरि रखें । चालू वित वर्ष के सीजन के दौरान लगभग 500 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई का लक्ष्य तय किया गया है। सभी चीनी मिलों में गन्ने की पिराई का...
चंडीगढ़, 4 अक्तूबर -(अर्चना सेठी) हरियाणा के सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि चीनी मिलें किसानों को गन्ने की राशि का भुगतान करना सर्वोपरि रखें । चालू वित वर्ष के सीजन के दौरान लगभग 500 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई का लक्ष्य तय किया गया है। सभी चीनी मिलों में गन्ने की पिराई का कार्य नवम्बर माह के पहले सप्ताह में शुरू किया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां अक्तूबर माह के अंत तक अवश्य पूरी कर ली जाएं।
सहकारिता मंत्री आज सहकारी फेडरेशन के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उनके साथ सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी वी एस एन प्रसाद, प्रबंध निदेशक हैफेड एवं डेयरी विकास ए श्रीनिवास, प्रबंध निदेशक कैप्टन मनोज कुमार सहित सहकारिता विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि सरकार ने किसान हित में अहम निर्णय लिए हैं । इनके सफल क्रियान्वयन में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सहकारी पैक्सों के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई योजना का कार्य शुरू किया जाए। इसके अलावा किसानों की सुविधा के लिए विश्राम गृहों में बिजली, पानी, शौचालय, कैंटीन आदि का आवश्यक प्रबंध किया जाए।
सहकारिता मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि प्रदेश की सभी चीनी मिलों की मुरम्मत एवं रखरखाव सुनिश्चित किया जाए ताकि इस वर्ष गन्ना पिराई सीजन के दौरान कोई भी मिल बंद न हो सके। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों की क्षमता बढाने के अलावा एथनोल प्लांट लगाने, गुड़, खाण्ड, कैंण्डी आदि अन्य आवश्यक चीजों के बनाने पर विशेष बल दिया जाए ताकि चीनी मिलें आत्मनिर्भरता की ओर बढ सकें। सहकारी चीनी मिलें गुड़ का निर्माण करके हैफेड व वीटा केन्द्रों पर बिक्री के लिए उपलब्ध करवाए।
उन्होंने कहा कि चीनी मिलों की क्षमता में वृद्धि करने के साथ-साथ रखरखाव और मुरम्मत पर विशेष ध्यान दिया जाए जिससे मशीनरी में कोई खराबी न आ सके उन्होंने कहा कि गन्ना पिराई सीजन के दौरान मशीनरी कार्य सुचारू ढंग से चलते रहना चाहिए तथा किसी भी बिना किसी ठोस तकनीकी कारण के चीनी मिल बंद नहीं होनी चाहिए। यदि किसी उपकरण की सख्त आवश्यकता होती है तो उसका एडवांस में प्रबंध रखा जाए। चीनी मिलों की आय बढ़ाने के लिए चीनी रिकवरी के साथ बिक्री पर भी ध्यान देना चाहिए।