Edited By Anu Malhotra,Updated: 21 Jul, 2025 01:53 PM

डोनाल्ड ट्रंप फिर से सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि दुनियाभर की तेल अर्थव्यवस्था पर उनके टैरिफ बम का खतरा है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस को चेतावनी दी है कि अगर उसने 50 दिनों के भीतर यूक्रेन के साथ युद्ध समाप्त...
नेशनल डेस्क: डोनाल्ड ट्रंप फिर से सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि दुनियाभर की तेल अर्थव्यवस्था पर उनके टैरिफ बम का खतरा है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस को चेतावनी दी है कि अगर उसने 50 दिनों के भीतर यूक्रेन के साथ युद्ध समाप्त नहीं किया, तो वह रूस के साथ व्यापार करने वाले सभी देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगा देंगे। ट्रंप की इस धमकी का सीधा असर भारत जैसे देशों पर पड़ सकता है, जो बड़ी मात्रा में रूस से सस्ता तेल खरीदते हैं।
भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का लगभग 35-40% हिस्सा रूस से आयात करता है। अगर ट्रंप की चेतावनी हकीकत में बदलती है और रूस से तेल खरीदने पर आर्थिक दबाव बढ़ता है, तो भारत को वैकल्पिक सप्लाई सोर्स ढूंढने पड़ेंगे, जो सस्ते नहीं होंगे। इसका नतीजा आम आदमी की जेब पर सीधा असर डाल सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि रूस से सप्लाई बाधित होती है तो अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में आपूर्ति का संतुलन बिगड़ जाएगा, जिससे कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ेंगी। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने पहले ही संकेत दिए हैं कि अगर रूस की 10% वैश्विक तेल आपूर्ति हटती है, तो बाकी देशों पर भारी बोझ पड़ेगा और कीमतें आसमान छू सकती हैं।
पेट्रोल और डीजल की कीमतें 8 से 10 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ सकती
अगर हालात बिगड़े, तो भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 8 से 10 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ सकती हैं। ऐसे में ट्रंप का ये 'टैरिफ गेम' न केवल भू-राजनीतिक तनाव बढ़ा सकता है, बल्कि भारत समेत दुनियाभर में आम उपभोक्ताओं की जेब पर भी असर डालने वाला है। तेल का बाजार फिलहाल सतर्क है, लेकिन ट्रंप की धमकी अगर असली कार्रवाई में बदलती है, तो ईंधन की कीमतों में उबाल तय माना जा रहा है।