Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Dec, 2025 01:22 PM

नए साल की शुरुआत करोड़ों लोगों के लिए राहत भरी हो सकती है। सरकार ने 1 जनवरी 2026 से CNG और PNG की कीमतों में 2 से 3 रुपए प्रति यूनिट कटौती का ऐलान किया है। इसके बाद अब घरेलू LPG सिलेंडर की कीमतों में भी कमी की उम्मीद बढ़ गई है।
बिजनेस डेस्कः नए साल की शुरुआत करोड़ों लोगों के लिए राहत भरी हो सकती है। सरकार ने 1 जनवरी 2026 से CNG और PNG की कीमतों में 2 से 3 रुपए प्रति यूनिट कटौती का ऐलान किया है। इसके बाद अब घरेलू LPG सिलेंडर की कीमतों में भी कमी की उम्मीद बढ़ गई है।
सरकारी तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को LPG सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा करती हैं। हालांकि, इस साल कमर्शियल सिलेंडर के दामों में कई बार कटौती की गई है लेकिन 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू LPG सिलेंडर की कीमत 9 मार्च 2024 के बाद से जस की तस बनी हुई है।
शहरों में LPG सिलेंडर की मौजूदा कीमतें
दिल्ली में बिना सब्सिडी वाला घरेलू LPG सिलेंडर 803 रुपए में मिल रहा है। उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को साल में 9 सिलेंडर तक 300 रुपए की सब्सिडी मिलती है, जिससे उनके लिए कीमत घटकर 503 रुपए रह जाती है। कोलकाता में सिलेंडर 879 रुपए, मुंबई में 852.50 रुपए और चेन्नई में 868.50 रुपए का है।
वहीं, 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 1580.50 रुपए, कोलकाता में 1684 रुपए, मुंबई में 1531.50 रुपए और चेन्नई में 1739.50 रुपए है।
कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हाल के दिनों में तेज गिरावट देखने को मिली है। ब्रेंट क्रूड 60 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गया है, जो 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर है। Oilprice.com के मुताबिक, ब्रेंट क्रूड फिलहाल 60.22 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। सप्लाई बढ़ने और मांग में सुस्ती के चलते कीमतों पर दबाव बना हुआ है। इस साल कच्चे तेल की कीमतों में करीब 21 फीसदी की गिरावट आई है, जो 2020 के बाद इसका सबसे कमजोर प्रदर्शन माना जा रहा है।
LPG सस्ती होने की क्यों है उम्मीद
कच्चे तेल से पेट्रोल, डीजल और LPG जैसे उत्पाद बनते हैं। रिफाइनिंग प्रक्रिया के दौरान पेट्रोलियम गैस निकलती है, जिसे LPG सिलेंडर में भरा जाता है। क्रूड सस्ता होने से रिफाइनरियों का मार्जिन बेहतर हुआ है, जिससे ग्राहकों को कीमतों में राहत मिलने की संभावना बढ़ गई है। साथ ही, अगले साल भी कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी तेजी की आशंका कम बताई जा रही है।