Edited By Tanuja,Updated: 04 Oct, 2025 11:39 AM

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई को लेकर ‘गाजा पीस प्लान’ पेश किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि भारत शांति और संवाद के हर प्रयास का समर्थन करता रहेगा। मोदी ने...
International Desk: गाजा में जारी संघर्ष को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक ‘गाजा पीस प्लान’ (Gaza Peace Plan) पेश किया है। ट्रंप ने कहा, “अब समय है कि हम राजनीति से ऊपर उठकर इंसानियत को प्राथमिकता दें। गाजा के निर्दोष लोगों को और पीड़ा न झेलनी पड़े।” इस योजना का उद्देश्य इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम स्थापित कर मानवीय राहत बहाल करना है।भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति के बीच भारत ट्रंप के नेतृत्व का स्वागत करता है।”
भारत का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीप्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा,“भारत शांति की दिशा में किए गए सभी प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता रहेगा।”उन्होंने कहा कि “विश्व में स्थायी शांति केवल संवाद से ही संभव है, संघर्ष से नहीं।” हमास की ओर से इजरायली बंधकों की रिहाई के संकेत एक सकारात्मक और महत्वपूर्ण कदम हैं। मोदी ने इसे “क्षेत्र में स्थायी शांति बहाल करने की दिशा में आशा की किरण” बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत हिंसा या आतंक के किसी रूप का समर्थन नहीं करता और वह मध्य पूर्व में स्थायी शांति, संवाद और स्थिरता के लिए निरंतर सहयोग देगा। भारत ने पहले ही गाजा में मानवीय सहायता भेजने की घोषणा की थी, जिसमें दवाइयां, खाद्य सामग्री और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि अगर सभी पक्ष सहमत हों, तो गाजा में 72 घंटे का प्रारंभिक युद्धविराम लागू किया जा सकता है।
इस योजना में शामिल प्रमुख प्रस्ताव हैं
- हमास द्वारा बंधकों की चरणबद्ध रिहाई,
- गाजा में अंतरराष्ट्रीय निगरानी में राहत आपूर्ति,
- और इजरायल-फिलिस्तीन संवाद की बहाली।
- मास और फिलिस्तीनी पक्ष की प्रतिक्रिया
हमास ने इस योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह बंधकों की रिहाई और सत्ता हस्तांतरण पर तैयार है, लेकिन योजना के अन्य पहलुओं पर “अभी और विचार-विमर्श की आवश्यकता” है।फिलिस्तीनी अधिकारियों ने कहा कि किसी भी स्थायी शांति के लिए इजरायली कब्जे का अंत अनिवार्य है। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने ट्रंप की पहल को “सही दिशा में प्रारंभिक कदम” बताया। इजरायल ने कहा कि वह किसी भी समझौते पर तभी विचार करेगा जब सभी बंधकों को बिना शर्त रिहा किया जाएगा।भारत ने अपनी पारंपरिक नीति दोहराई कि वह “दो-राष्ट्र समाधान” का समर्थन करता है, जहां इजरायल और फिलिस्तीन दोनों सुरक्षित सीमाओं में शांतिपूर्वक रह सकें।