भारत ने चक्रवात ‘दित्वा’ से तबाह श्रीलंका के लिए अपना मजबूत समर्थन दोहराया, 58 टन राहत सामग्री भेजी व फील्ड अस्पताल भी चालू

Edited By Updated: 06 Dec, 2025 01:55 PM

india pledges continued support as indian pm modi speaks with sri lankan

भारत ने चक्रवात ‘दित्वा’ से प्रभावित श्रीलंका के लिए व्यापक राहत अभियान चलाया है। भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने कॉर्पोरेट दिग्गजों से मिलकर सहयोग पर चर्चा की। भारत ने 58 टन राहत सामग्री, फील्ड अस्पताल, बेली ब्रिज, हेलीकॉप्टर और नौसेनाओं की सहायता...

International Desk: भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने शनिवार को श्रीलंका के कॉर्पोरेट दिग्गजों से मुलाकात कर चक्रवात प्रभावित द्वीप राष्ट्र के प्रति भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया। श्रीलंका में चक्रवात ‘दित्वा' से अब तक 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है। झा की ‘रीबिल्डिंग श्रीलंका फंड' से जुड़े कॉर्पोरेट दिग्गजों के साथ यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब श्रीलंका चक्रवात ‘दित्वा' के बाद भीषण बाढ़, भूस्खलन और बुनियादी ढांचे को हुए गंभीर नुकसान से जूझ रहा है। इस आपदा में अब तक 607 लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे कई जिले अलग-थलग पड़ गए हैं और देश की आपदा-प्रतिक्रिया क्षमता पर भारी दबाव पड़ा है।

 

भारतीय उच्चायोग ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि झा ने पुनर्वास और इस संकट से उबरने के लिए रास्ते तलाशने पर चर्चा करने के लिए कॉर्पोरेट दिग्गजों से मुलाकात की। झा ने उन्हें ‘भारत की प्रतिक्रिया और इस संकट से उबरने में श्रीलंका के साथ खड़े रहने की निरंतर प्रतिबद्धता' के बारे में भी जानकारी दी। ‘ऑपरेशन सागर बंधु' के तहत सहायता के लिए श्रीलंका की अंतररराष्ट्रीय अपील पर प्रतिक्रिया देने वाला भारत पहला देश था। भारतीय मिशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि उसने जमीन एवं हवाई दोनों माध्यमों से श्रीलंका को मानवीय सहायता मुहैया कराई जिसमें आपातकालीन प्रतिक्रिया और निरंतर चिकित्सा देखभाल दोनों पर ध्यान केंद्रित किया गया। ‘ऑपरेशन सागर बंधु' की 28 नवंबर को शुरुआत के बाद से भारत ने 58 टन से ज्यादा राहत सामग्री उपलब्ध कराई है, जिसमें सूखा राशन, टेंट, तिरपाल, स्वच्छता किट, जल शोधन किट और लगभग 4.5 टन दवाइयां व सर्जिकल उपकरण शामिल हैं।

 

जनरेटर, बचाव नौकाओं सहित 50 टन उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं और महत्वपूर्ण संपर्क बहाल करने के लिए 31 इंजीनियरों के साथ 130 टन बेली ब्रिज इकाइयां हवाई मार्ग से पहुंचाई गई हैं। कैंडी के निकट महियांगनया में अब भारत के 78 चिकित्सा कर्मियों वाला एक पूर्ण विकसित फील्ड अस्पताल जीवन रक्षक सेवाएं प्रदान कर रहा है। बुरी तरह प्रभावित जा-एला और नेगोम्बो में भीष्म (भारत स्वास्थ्य सहयोग हित और मैत्री पहल) आरोग्य मैत्री केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। आईएनएस विक्रांत, आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस सुकन्या ने श्रीलंका को तत्काल बचाव एवं राहत सहायता प्रदान की है। आईएनएस विक्रांत से तैनात दो चेतक हेलीकॉप्टर के अलावा, भारतीय वायु सेना के दो भारी-भरकम एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी लोगों को निकालने और राहत सामग्री पहुंचाने में सक्रिय रूप से शामिल हैं। इसके अलावा, श्रीलंका में फंसे लगभग 2,500 भारतीयों को निकाला गया, जिनमें 400 से अधिक भारतीय वायुसेना के विमानों से आये थे। 

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