Edited By vasudha,Updated: 28 Sep, 2019 10:17 AM
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को मुंबई में कलवारी श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी आइएनएस खांदेरी को नौसेना को सौेप दी है। मुंबई के तट पर रह कर 300 किलोमीटर दूर स्थित दुश्मन के जहाज को नष्ट करने की क्षमता रखने वाली पनडुब्बी के शामिल होने से नौसेना की...
नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को मुंबई में कलवारी श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी आइएनएस खांदेरी को नौसेना को सौेप दी है। मुंबई के तट पर रह कर 300 किलोमीटर दूर स्थित दुश्मन के जहाज को नष्ट करने की क्षमता रखने वाली पनडुब्बी के शामिल होने से नौसेना की ताकत और बढ़ गई है।
खंडेरी का नाम महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के खंडेरी दुर्ग के नाम पर रखा गया है। इस दुर्ग या किले की खासियत यह थी कि यह एक चारों और पानी से घिरा हुआ है। ये पनडुब्बी 45 दिनों तक पानी में रह सकती है जिसमे 40 लोग तैनात रहते हैंं। इसी के साथ देश में निर्मित यह पनडुब्बी एक घंटे में 35 किलोमीटर की दूरी आसानी से तय कर सकती है।
अत्याधुनिक तकनीक से लैश खंडेरी में टॉरपीडो और ऐंटिशिप मिसाइलें तैनात की जाएंगी। INS खंडेरी की लंबाई लगभग 67.5 मीटर है। इसकी चौड़ाई 12.3 मीटर है। ये समुद्र में 350 मीटर की गहराई तक गोता लगाने सक्षम है। साथ ही ये पानी के अंदर बिल्कुल खामोश रहती है। यही नहीं यह अपने बेस से 12 हजार किमी की दूरी तक गहरे समुद्र में दौड़ लगा सकती है।
इस पनडुब्बी में रेडार, सोनार, इंजन समेत इसमें छोटे बड़े 1000 से अधिक उपकरण लगे हुए हैं। इसके बावजूद बगैर आवाज किए यह पानी में चलने वाली विश्व की सबसे शांत पनडुब्बियों में से एक है। इस वजह से रेडार आसानी से इसका पता नहीं लगा सकते हैं। इसीलिए इसे 'साइलंट किलर' भी कहते हैं।