Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 30 Jun, 2025 11:15 AM

गुजरात के कांडला बंदरगाह से ओमान के शिनस की ओर जा रहे पुलाऊ ध्वज वाले जहाज एमटी यी चेंग 6 में रविवार को अचानक आग लग गई। जहाज के इंजन कक्ष में भीषण आग लगी जिससे जहाज की बिजली पूरी तरह से चली गई और स्थिति गंभीर हो गई। जहाज पर 14 भारतीय चालक दल के...
नेशनल डेस्क: गुजरात के कांडला बंदरगाह से ओमान के शिनस की ओर जा रहे पुलाऊ ध्वज वाले जहाज एमटी यी चेंग 6 में रविवार को अचानक आग लग गई। जहाज के इंजन कक्ष में भीषण आग लगी जिससे जहाज की बिजली पूरी तरह से चली गई और स्थिति गंभीर हो गई। जहाज पर 14 भारतीय चालक दल के सदस्य मौजूद थे, जो संकट की इस घड़ी में पूरी तरह असहाय हो गए थे। इस दौरान भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस तबर जो उसी क्षेत्र में मिशन पर था, को एमटी यी चेंग 6 से मदद के लिए कॉल मिला। आईएनएस तबर ने तुरंत सहायता के लिए कदम उठाया और भारतीय नौसेना के जवानों ने अग्निशमन अभियान शुरू किया।
आईएनएस तबर की बहादुरी और तत्परता
भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस तबर की टीम में कुल 13 भारतीय नौसैनिक और 5 चालक दल के सदस्य थे। इस टीम ने बिना देर किए अग्निशमन दल और जरूरी उपकरणों को जहाज पर भेजा। बचाव कार्यों के लिए जहाज की नाव और हेलीकॉप्टर का भी उपयोग किया गया। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि अग्निशमन दल ने बेहद कुशलता से काम करते हुए आग की तीव्रता को काफी हद तक कम कर दिया। इस साहसिक प्रयास के कारण न केवल आग पर काबू पाया गया बल्कि जहाज पर सवार सभी 14 भारतीय चालक दल के सदस्य भी सुरक्षित रहे।
भारतीय नौसेना की तत्परता
यह घटना भारतीय नौसेना की तत्परता और समुद्र में सुरक्षा के प्रति उनके समर्पण का उदाहरण है। आईएनएस तबर की टीम ने अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा और जोश के साथ निभाया जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई। ओमान की खाड़ी जैसे महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग पर भारतीय नौसेना की मौजूदगी से न केवल भारतीय नागरिकों बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुद्री जहाजों को भी सुरक्षा मिलती है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि भारतीय नौसेना हर परिस्थिति में तत्पर है और जरूरत पड़ने पर तत्काल मदद पहुंचाने में सक्षम है।
जहाज पर सवार भारतीय चालक दल की सुरक्षा
एमटी यी चेंग 6 जहाज पर कुल 14 भारतीय चालक दल के सदस्य सवार थे। आग लगने और बिजली चली जाने के बावजूद भारतीय नौसेना ने तेजी से प्रतिक्रिया दी जिससे चालक दल को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ।