Edited By Rohini Oberoi,Updated: 04 Jul, 2025 01:12 PM

भारत में फर्जी सिम कार्ड धारकों पर नकेल कसने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) ने अपनी मुहिम तेज कर दी है। अब सिम कार्ड वेरिफिकेशन के लिए 'AI शील्ड' का इस्तेमाल किया जाएगा जिसके लिए एक नया इकोसिस्टम डेवलप किया गया है। दूरसंचार विभाग ने बताया है कि इस नई...
नेशनल डेस्क। भारत में फर्जी सिम कार्ड धारकों पर नकेल कसने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) ने अपनी मुहिम तेज कर दी है। अब सिम कार्ड वेरिफिकेशन के लिए 'AI शील्ड' का इस्तेमाल किया जाएगा जिसके लिए एक नया इकोसिस्टम डेवलप किया गया है। दूरसंचार विभाग ने बताया है कि इस नई तकनीक से फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए सिम कार्ड खरीदना असंभव हो जाएगा और यह AI शील्ड यूज़र्स के सिम कार्ड को भी सुरक्षित रखेगा।
दूरसंचार विभाग ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से यह जानकारी साझा की है। DoT ने अपने पोस्ट में बताया, "सिम फ्रॉड के खिलाफ भारत का AI शील्ड। नकली या फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए मोबाइल सिम के दुरुपयोग से निपटने के लिए, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने ASTR (Artificial Intelligence and Facial Recognition powered Solution for Telecom SIM Subscriber Verification) विकसित किया है जो भारत के दूरसंचार इकोसिस्टम को सुरक्षित, स्मार्ट और धोखाधड़ी प्रतिरोधी बना रहा है। यह सिर्फ प्रौद्योगिकी नहीं है यह कार्रवाई में विश्वास, पारदर्शिता और सुरक्षा है।"
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क्या है ASTR? कैसे काम करेगा AI शील्ड?
दूरसंचार विभाग ने दावा किया है कि ASTR एक ऐसा टूल है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के ज़रिए फेस रिकॉग्निशन पर बेस्ड सॉल्यूशन से लैस है। इसमें यूज़र के फेशियल वेरिफिकेशन के ज़रिए टेलीकॉम सब्सक्राइबर्स को वेरिफाई किया जाएगा। यह तरीका बढ़ते साइबर फ्रॉड को रोकने में बेहद कारगर साबित होगा।
अगर किसी ने फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिए सिम कार्ड जारी करवाया है तो AI बेस्ड फेस रिकॉग्निशन फीचर उस डॉक्यूमेंट को वेरिफाई करेगा। डॉक्यूमेंट वेरिफाई नहीं होने पर सिम कार्ड को तुरंत ब्लॉक कर दिया जाएगा।
इस तरह से सब्सक्राइबर डेटाबेस को इस नए AI टूल के ज़रिए चेक किया जाएगा। जितने भी फर्जी डॉक्यूमेंट के ज़रिए सिम कार्ड इस्तेमाल किए जा रहे हैं उन्हें ब्लॉक करने का काम किया जाएगा।

4.2 करोड़ से ज़्यादा फर्जी सिम कार्ड पहले ही हो चुके हैं ब्लॉक
पिछले दिनों दूरसंचार विभाग ने बताया कि साइबर क्राइम में लिप्त 4.2 करोड़ से ज़्यादा सिम कार्ड को ब्लॉक करने का काम किया गया है। इन सिम कार्ड का इस्तेमाल करके यूज़र्स को कॉल या मैसेज के ज़रिए ठगा जाता था। दूरसंचार विभाग ने संचार साथी पोर्टल के माध्यम से रिपोर्ट किए गए नंबरों की जांच की और उन्हें ब्लॉक करने का काम किया है।
यह नया AI शील्ड सिस्टम भारत के डिजिटल लेनदेन को और सुरक्षित बनाएगा जिससे आम लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने में मदद मिलेगी।