Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 03 Jul, 2025 10:36 PM

दिल्ली सरकार ने पुरानी गाड़ियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब पुरानी गाड़ियां दिल्ली की सड़कों से हटाई नहीं जाएंगी। सरकार ने अपनी वाहन नीति में बदलाव करते हुए तय किया है कि 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों और 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों को जबरन...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को जब्त करने का अभियान अब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। दिल्ली सरकार ने इस मामले में बड़ा यू-टर्न लेते हुए कहा है कि यह नियम सिर्फ राजधानी में नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर लागू होना चाहिए। हाल ही में पुरानी गाड़ियों को लेकर सख्ती बढ़ा दी गई थी। 10 साल से पुरानी डीजल और 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को सीज किया जा रहा था। इसके लिए पेट्रोल पंपों पर ANPR कैमरे लगाए गए थे जो पुरानी गाड़ियों की पहचान करके उन पर कार्रवाई कर रहे थे। लेकिन इस नियम की वजह से आम जनता को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ीं। एक बड़ा उदाहरण सामने आया जब एक व्यक्ति को अपनी 84 लाख रुपये की मर्सिडीज महज ढाई लाख में बेचनी पड़ी क्योंकि उसकी गाड़ी पुराने नियमों के अनुसार सीज की जा सकती थी।
गुरुवार को दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पुरानी आम आदमी पार्टी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। सिरसा ने दावा किया कि यह पूरी साजिश वाहन शोरूम के मालिकों से मिलीभगत कर रची गई थी ताकि लोगों को अपनी पुरानी गाड़ियां बेचने के लिए मजबूर किया जा सके और शोरूम मालिकों को फायदा हो। सिरसा ने CAQM (Commission for Air Quality Management) के चेयरमैन से बातचीत में ANPR कैमरा सिस्टम को तर्कसंगत नहीं बताया और कहा कि इससे आम लोगों की परेशानी बढ़ रही है।
दिल्ली सरकार ने अब CAQM को पत्र लिखकर यह प्रस्ताव रखा है कि जब तक यह नियम हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों में एकसाथ लागू नहीं होता तब तक इसे दिल्ली में भी रोका जाए। सरकार का मानना है कि नियमों का क्षेत्रीय संतुलन जरूरी है ताकि वाहन मालिकों के साथ भेदभाव न हो।
इस फैसले के बाद पुरानी गाड़ियों के मालिकों को थोड़ी राहत जरूर मिली है लेकिन यह देखना बाकी है कि आगे आने वाले समय में सरकार इस नीति को किस रूप में लागू करती है।