Edited By vasudha,Updated: 13 Aug, 2021 09:06 AM
राम भक्तों के बरसों का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। करीब 493 साल बाद अयोध्या में आज रामलला चांदी के झूले में विराजमान होंगे। रामलला के झुनोत्सव के लिए 21 किलो चांदी का झूला रामलला को समर्पित किया गया है, जो राम जन्मभूमि परिसर में पहुंच गया है। आज...
नेशनल डेस्क: राम भक्तों के बरसों का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। करीब 493 साल बाद अयोध्या में आज रामलला चांदी के झूले में विराजमान होंगे। रामलला के झुनोत्सव के लिए 21 किलो चांदी का झूला रामलला को समर्पित किया गया है, जो राम जन्मभूमि परिसर में पहुंच गया है। आज भक्त भी राम झरोखे भगवान राम के दर्शन कर पाएंगे।
यह पहला मौका है जब रामलला के लिए चांदी का विशेष झूला बनवाया गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रक्षाबंधन तक रामलला इसी विशेष झूले में झूला झूलेंगे। झूलोत्सव की परंपरा के तहत श्रीराम लला झूले पर पंचमी को विराजमान होते हैं। इस दौरान उनके लिए मंगल गीत गाए जाते हैं।
इस बार झूला महोत्सव को काफी सीमित रखा गया है। यात्रियों से कहा गया है कि उन्हें अपने साथ 72 घंटे पहले की आरटी-पीसीआर निगेटिव की रिपोर्ट लानी होगी। भक्तों के लिए रामलला के दर्शन के रास्ते में एक झरोखा खोला जा रहा है। इसके जरिए राममंदिर निर्माण को देखा जा सकेगा। इस झरोखे को राम झरोखा का नाम दिया गया है।
परंपराओं के मुताबिक अयोध्या में हर वर्ष श्रावण शुक्ल तृतीया को झूलन महोत्सव की शुरुआत होती है। इस मौके पर अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों से विग्रह मणि पर्वत तक पालकियों में गाजे-बाजे के साथ जाते हैं। वहीं पर झूला झूलते हैं। मणि पर्वत वही जगह है जहां माता सीता झूला झूलने आया करती थीं। इसी वजह से यहां हर वर्ष श्रावण शुक्ल तृतीया को बड़े महोत्सव का आयोजन किया जाता है।