Edited By Anu Malhotra,Updated: 21 Nov, 2025 03:20 PM

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पोस्ट ने लोगों का ध्यान खींच लिया है। लिंक्डइन पर एक महिला ने अपनी रात की सवारी का अनुभव साझा किया, जिसने उसकी सोच-और हजारों पाठकों की भी-बदलकर रख दी। बात एक ऐसे युवक की है जो सीमित साधनों के बावजूद अपनी मेहनत और...
नेशनल डेस्क: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पोस्ट ने लोगों का ध्यान खींच लिया है। लिंक्डइन पर एक महिला ने अपनी रात की सवारी का अनुभव साझा किया, जिसने उसकी सोच-और हजारों पाठकों की भी-बदलकर रख दी। बात एक ऐसे युवक की है जो सीमित साधनों के बावजूद अपनी मेहनत और सकारात्मकता से जीवन में वह मुकाम हासिल कर रहा है, जिसे सुनकर लोग दंग हैं।
रात की सवारी और एक अप्रत्याशित बातचीत
रविवार की रात करीब 9 बजे महिला अपनी रैपिडो बाइक बुक कर घर जा रही थीं। रास्ते में हल्की-फुल्की बातचीत शुरू हुई, जो आगे चलकर एक प्रेरक कहानी बन गई। जब उन्होंने ड्राइवर से पूछा कि क्या वह यही काम फुल-टाइम करता है, तो जवाब उनकी अपेक्षा से बिल्कुल अलग निकला।
तीन अलग-अलग काम… एक ही लक्ष्य: परिवार की खुशहाली
ड्राइवर ने बताया कि उसका दिन कई हिस्सों में बंटा हुआ है।
सुबह वह फूड डिलिवरी पार्टनर के तौर पर ऑर्डर पहुंचाता है,
दोपहर और शाम को रैपिडो पर यात्रियों को छोड़ता है,
और सप्ताहांत पर अपने भाई के साथ मिलकर सड़क किनारे छोटा-सा फूड स्टॉल चलाता है।
एक ही आदमी, तीन काम- और यह सब इसलिए कि उसके परिवार की जरूरतें आसानी से पूरी हो जाएं और किसी चीज की कमी महसूस न हो।
मेहनत थोड़ी ज्यादा है, पर घर मुस्कुरा रहा है
महिला को सबसे ज्यादा जो बात छू गई, वह थी ड्राइवर का हल्का-फुल्का स्वभाव और अपनी जिंदगी को लेकर सकारात्मक नजरिया। उसने मुस्कुराते हुए कहा, मेहनत जरूर है मैडम, लेकिन घर मजे से चल रहा है… बस यही काफी है।” इन तीन कामों की बदौलत उसकी महीने की कुल आय करीब 1 लाख रुपए तक पहुंच जाती है। यह सुनकर महिला को एहसास हुआ कि “आजकल किसी को मेहनत करने की आदत नहीं” जैसी धारणाएं कई बार वास्तविकता से बिल्कुल उलट होती हैं।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
लिंक्डइन पर यह पोस्ट देखते ही लोग अपनी राय साझा करने लगे। एक यूज़र ने लिखा- “कंफर्ट ज़ोन से बाहर निकलो, तभी असली दुनिया और असली योद्धा दिखते हैं।” दूसरे ने कहा- “जो इंसान खुशमिजाज रहता है, वह अपनी ऊर्जा सही जगह लगाता है और ज्यादा कमाता भी है। सिर्फ पैसे के पीछे भागने वाले अक्सर तनाव और बुरी आदतों में फंस जाते हैं।”