Edited By Mansa Devi,Updated: 03 Dec, 2025 02:53 PM

दिल्ली और गुजरात में कैब सेवाओं के क्षेत्र में एक नई पहल देखने को मिली है। देश में पहली बार एक सहकारी आधारित कैब प्लेटफॉर्म लॉन्च हुआ है, जिसका नाम है ‘भारत टैक्सी’। यह सेवा सिर्फ यात्रियों को सस्ती राइड उपलब्ध कराने के लिए नहीं, बल्कि ड्राइवरों को...
नेशनल डेस्क: दिल्ली और गुजरात में कैब सेवाओं के क्षेत्र में एक नई पहल देखने को मिली है। देश में पहली बार एक सहकारी आधारित कैब प्लेटफॉर्म लॉन्च हुआ है, जिसका नाम है ‘भारत टैक्सी’। यह सेवा सिर्फ यात्रियों को सस्ती राइड उपलब्ध कराने के लिए नहीं, बल्कि ड्राइवरों को उनके मेहनत का पूरा हक देने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
ड्राइवरों का ‘मालिकाना हक’
भारत टैक्सी कोऑपरेटिव का मॉडल पूरी तरह से ड्राइवर-केंद्रित है। इस प्लेटफ़ॉर्म पर काम करने वाले ड्राइवर जिन्हें ‘सारथी’ कहा जाता है। किसी तरह का कमीशन नहीं देना होगा। उन्हें सिर्फ एक मामूली सदस्यता शुल्क देना होगा, जो दैनिक, साप्ताहिक या मासिक हो सकता है। इसके बाद हर राइड की पूरी कमाई सीधे ड्राइवर की जेब में जाएगी।
कितने ड्राइवर जुड़ चुके हैं?
दिल्ली और गुजरात में इस सहकारी प्लेटफॉर्म पर 51,000 से अधिक ड्राइवर कार, ऑटो और बाइक कैटेगरी में रजिस्टर हो चुके हैं। इस संख्या के साथ यह प्लेटफॉर्म दुनिया का सबसे बड़ा ड्राइवर-ओन्ड मोबिलिटी नेटवर्क बन चुका है।
मोबाइल ऐप और iOS वर्ज़न
भारत टैक्सी का मोबाइल ऐप वर्तमान में गूगल प्ले स्टोर पर बीटा टेस्टिंग के लिए उपलब्ध है। जल्द ही इसका iOS वर्ज़न भी लॉन्च किया जाएगा। दिल्ली और गुजरात में ऐप का ट्रायल शुरू हो चुका है और यात्रियों से इसे लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।
दिल्ली मेट्रो के साथ इंटीग्रेशन
ऐप की सबसे खास सुविधा है दिल्ली मेट्रो के साथ इंटीग्रेशन। इससे यात्री एक ही ऐप में अपनी पूरी यात्रा मेट्रो और कैब की बुकिंग कर सकते हैं। यह सुविधा मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट को आसान बनाती है और यात्रियों के समय और सुविधा दोनों की बचत करती है।
सुरक्षा और सहयोग
ड्राइवरों और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत टैक्सी ने दिल्ली पुलिस के साथ साझेदारी की है। इसके साथ ही ऐप में इन-एप कस्टमर सपोर्ट भी उपलब्ध है। ओला-उबर ड्राइवर भी प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ सकते हैं सूत्रों के अनुसार, ओला, उबर और रैपिडो से जुड़े ड्राइवर भी भारत टैक्सी प्लेटफॉर्म में शामिल हो सकते हैं। उन्हें अधिक कमाई और बेहतर सुविधा मिलने की संभावना इसे आकर्षक बनाती है।
क्यों खास है यह मॉडल
सहकारिता के तहत यह प्लेटफ़ॉर्म किसी निजी कंपनी का नहीं है। इसके 300 करोड़ रुपये अधिकृत शेयर पूंजी हैं और इससे होने वाला मुनाफा सीधे ड्राइवरों तक जाएगा। गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पहले ही कहा था कि इस प्लेटफ़ॉर्म से होने वाला लाभ किसी ‘धन्नासेठ’ के पास नहीं जाएगा, बल्कि सीधे टैक्सी ड्राइवरों के पास पहुंचेगा।
ड्राइवर और यात्री दोनों के लिए फायदे
ड्राइवरों के लिए:
पूरी कमाई का हक
➤ संगठन में प्रतिनिधित्व और शेयर पर डिविडेंड
➤ सदस्यता शुल्क आधारित ‘नो कमीशन’ मॉडल
यात्रियों के लिए:
कम किराया
➤ दिल्ली मेट्रो के साथ इंटीग्रेशन
➤ सुरक्षित और भरोसेमंद राइड