Edited By Mansa Devi,Updated: 06 Aug, 2025 06:26 PM

भारत की सबसे लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट सर्विस UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के भविष्य को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने साफ तौर पर कहा है कि UPI की सेवा हमेशा मुफ्त नहीं रह सकती। उनके इस बयान के बाद...
नेशनल डेस्क: भारत की सबसे लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट सर्विस UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के भविष्य को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने साफ तौर पर कहा है कि UPI की सेवा हमेशा मुफ्त नहीं रह सकती। उनके इस बयान के बाद इस बात पर बहस छिड़ गई है कि क्या जल्द ही UPI का इस्तेमाल करने पर चार्ज लग सकता है।
RBI गवर्नर ने क्या कहा?
मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, "मैंने कभी यह नहीं कहा कि UPI हमेशा मुफ्त रहेगा।" उन्होंने समझाया कि इस डिजिटल पेमेंट सिस्टम को चलाने में काफी खर्च आता है, और यह खर्च किसी न किसी को तो उठाना ही होगा। गवर्नर ने यह भी कहा कि इस सिस्टम को लंबे समय तक टिकाऊ बनाने के लिए इसकी लागत को कवर करना जरूरी है। यह लागत चाहे व्यक्ति, व्यापारी, बैंक या सरकार कोई भी उठाए, लेकिन बिना भुगतान के यह मॉडल लंबे समय तक नहीं चल सकता।
ICICI बैंक ने शुरू की चार्जिंग
RBI गवर्नर के इस बयान के बाद एक और खबर ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है। ICICI बैंक ने UPI लेनदेन पर प्रोसेसिंग शुल्क लेना शुरू कर दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक अब पेमेंट एग्रीगेटर्स (PA) से लेनदेन के आधार पर शुल्क लेगा।
- जिन PA का एस्क्रो खाता ICICI में है, उनसे प्रति ट्रांजैक्शन 2 बेसिस पॉइंट (अधिकतम ₹6) तक का शुल्क लिया जाएगा।
- जिन PA का खाता ICICI में नहीं है, उनसे 4 बेसिस पॉइंट (अधिकतम ₹10) तक का शुल्क लिया जाएगा।
- हालाँकि, अगर व्यापारी का खाता ICICI बैंक में है और लेनदेन उसी से हुआ है, तो कोई शुल्क नहीं लगेगा।