Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Dec, 2025 11:11 AM

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैंकिंग सर्विस चार्जेज में पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, RBI बैंकों के साथ मिलकर ऐसा एकीकृत सिस्टम बनाने पर काम कर रहा है, जिसमें सभी तरह की फीस और सर्विस चार्ज एक ही फॉर्मेट में...
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैंकिंग सर्विस चार्जेज में पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, RBI बैंकों के साथ मिलकर ऐसा एकीकृत सिस्टम बनाने पर काम कर रहा है, जिसमें सभी तरह की फीस और सर्विस चार्ज एक ही फॉर्मेट में ग्राहकों को बताए जाएं। इसका उद्देश्य छिपे हुए (Hidden) और दोहराए जाने वाले (Overlapping) चार्जेज को खत्म करना है।
बैंक लोन प्रोसेसिंग फीस का पूरा ब्रेक-अप भी ग्राहकों को उपलब्ध कराने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक, RBI चाहता है कि सभी बैंकिंग चार्ज ग्राहकों के लिए बिल्कुल स्पष्ट और समझने में आसान हों।
सरकारी हस्तक्षेप के बाद अधिकतर पब्लिक सेक्टर बैंकों ने इस साल की शुरुआत में मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाला पेनल्टी चार्ज खत्म कर दिया था। एक बैंक अधिकारी ने बताया कि अभी इस बात पर चर्चा चल रही है कि क्या सभी बैंकों में सर्विस चार्ज बताने के लिए एक समान स्टैंडर्ड फॉर्मेट लागू किया जा सकता है।
नियम होंगे सरल
RBI ने बैंकों से यह भी कहा है कि वे ऐसी सेवाओं की एक लिस्ट तैयार करें जो सभी शाखाओं में एक जैसी उपलब्ध हों। फिलहाल बैंकों द्वारा RBI के हालिया सुझावों पर आंतरिक रूप से विचार किया जा रहा है और निजी तथा सरकारी बैंकों के बीच चर्चा के बाद अंतिम राय दी जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार, विचार यह है कि बैंकों को अकाउंट के प्रकार के आधार पर सर्विस चार्ज तय करने की छूट मिले। वहीं, पर्सनल लोन पर लगाए जाने वाले शुल्कों की लिस्ट को भी सरल और छोटा करने की योजना है।
ग्राहक सेवा प्राथमिकता में
हाल ही में MPC बैठक के बाद RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा था कि ग्राहक सेवा केंद्रीय बैंक की प्राथमिकता है और इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। पिछले अगस्त में वित्त मंत्रालय ने संसद में बताया था कि ज्यादातर पब्लिक सेक्टर बैंकों ने सामान्य बचत खातों के मिनिमम बैलेंस चार्ज खत्म कर दिए हैं या उन्हें तर्कसंगत बनाया है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था कि बैंकिंग रणनीति के तहत शुल्क हटाने से जमा राशि में बढ़ोतरी जैसे सकारात्मक प्रभाव देखे जा रहे हैं।