Edited By Seema Sharma,Updated: 05 Jul, 2021 11:27 AM

वरिष्ठ डिप्लोमेट (राजनयिक) रीनत संधु ने हाल ही में विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) के रूप में पदभार संभाल लिया है। विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) के रूप में पदभार संभालने से पहले संधु दिल्ली में विदेश मंत्रालय ही (एम.ई.ए.) मुख्यालय में अतिरिक्त...
नेशनल डेस्क: वरिष्ठ डिप्लोमेट (राजनयिक) रीनत संधु ने हाल ही में विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) के रूप में पदभार संभाल लिया है। विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) के रूप में पदभार संभालने से पहले संधु दिल्ली में विदेश मंत्रालय ही (एम.ई.ए.) मुख्यालय में अतिरिक्त सचिव (हिन्द प्रशांत, दक्षिण और ओशिनिया) के पद पर तैनात थीं। संधू 1989 बैच की भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी हैं। यहां आपको बताने जा रहे हैं कि उनके पति तरनजीत सिंह संधू भी राजनयिक तौर पर अमरीका में ही तैनात हैं। यह दंपति लंबे समय से भारत की विदेश नीति में एक अहम भूमिका निभाता आ रहा है।
रीनत का तजुर्बा है कई विभागों का
बता दें कि रीनत संधू ने विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) का पदभार संभाला 1 जुलाई 2021 से संभाला है। उन्होंने 1989 में भारतीय विदेश सेवा में अपना करियर शुरू किया था। वह 2017-2020 तक इटली और सैन मैरिनो में भारत की राजदूत रहीं। इससे पहले उन्होंने 2014-2017 तक वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास में मंत्री (वाणिज्य) / मिशन की उप प्रमुख के रूप में कार्य किया और 2011-14 के दौरान जिनेवा में विश्व व्यापार संगठन में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि रहीं। वे मास्को, कीव, कोलंबो और न्यूयॉर्क में भारतीय मिशनों में विभिन्न पदों पर भी काम कर चुकी हैं।
जानिए कौन हैं रीनत संधू के एम्बेसडर पति
श्रीमती संधू दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं। उनका विवाह अमरीका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू से हुआ है। उनके दो बच्चे भी हैं। तरणजीत सिंह ने दिल्ली के स्टीफन कॉलेज से इतिहास में बी. ए ऑनर्स किया। इसके बाद उन्होंने जेएनयू से इंटरनेशनल रिलेशन विषय में एम.ए किया। उनके पति संधू जर्मनी की फ्रैंकफर्ट सिटी में सितंबर 2011 से जुलाई 2013 तक भारत के महावाणिज्य दूत थे। संधू ने विभिन्न विदेश मंत्रालय में भी काम किया हुआ है। मार्च 2009 से अगस्त 2011 तक संयुक्त राष्ट्र संघ में संयुक्त सचिव रहे इसके बाद मानव संसाधन प्रभाग के प्रमुख सचिव पद पर कार्य किया। संधू दिसंबर 1995 से मार्च 1997 तक विदेश मंत्रालय के विशेष कर्तव्य (प्रेस संबंध) पर अधिकारी थे। इस दौरान उन्होंने विदेशी मीडिया के तौर पर जिम्मेदारी संभाली थी।