राष्ट्रपति बोले- राज्यपाल की भूमिका लोगों और सरकार के लिए ‘मित्र, दार्शनिक व मार्गदर्शक' की तरह

Edited By Seema Sharma,Updated: 11 Nov, 2021 05:20 PM

role of governor is like a friend guide for people and government president

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि संविधान निर्माताओं ने राज्यपालों की भूमिका लोगों और सरकार के लिए ‘मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक'' के रूप में कल्पना की थी। राष्ट्रपति ने राज्यपालों से अपने राज्यों में अधिक से अधिक समय देने और जनता के...

नेशनल डेस्क: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि संविधान निर्माताओं ने राज्यपालों की भूमिका लोगों और सरकार के लिए ‘मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक' के रूप में कल्पना की थी। राष्ट्रपति ने राज्यपालों से अपने राज्यों में अधिक से अधिक समय देने और जनता के साथ जीवंत संबंध बनाने के लिए भी कहा। राज्यपालों और उपराज्यपालों के एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने उन्हें यह याद रखने के लिए कहा कि वे राज्य के लोगों के कल्याण और सेवा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कोविंद ने कहा कि राज्यपालों की जिम्मेदारी पर चर्चा करते हुए हमारे विशेषज्ञ संविधान निर्माताओं ने अपनी राय व्यक्त की थी कि राज्यपाल आम जनता और सरकार के ‘मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक' होंगे।

 

राष्ट्रपति ने कहा कि जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने और राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने में राज्यपालों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। कोविंद ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि आप सभी राज्यपाल याद रखें कि आप अपने राज्यों के लोगों के कल्याण और सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं। राष्ट्रपति ने सम्मेलन में कहा कि इस प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए, आपके लिए यह आवश्यक है कि आप अपने राज्य को अधिक से अधिक समय दें और लोगों के साथ जीवंत संबंध बनाएं। सम्मेलन में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी शिरकत की।

 

कोविंद ने कहा कि लोकतंत्र में हम सभी को आम जनता के साथ ‘निरंतर संपर्क'' बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि आप सभी ने कुछ कार्यक्रमों के माध्यम से जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ सभी जिलों का दौरा किया होगा।' राष्ट्रपति ने मोदी के नेतृत्व में कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई की भी प्रशंसा की और राज्यपालों की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में भाग लेने वालों के लिए यह संतोष की बात है कि राज्यपालों ने covid-19 महामारी से निपटने में सक्रिय योगदान दिया।

 

कोविंद ने कहा कि सरकार की अभूतपूर्व पहल और हमारे वैज्ञानिकों और उद्यमियों के प्रयासों से देश में टीके का विकास और बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि आज हम टीके की 108 करोड़ खुराक देकर देशवासियों को महामारी से बचाने के मिशन की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। राष्ट्रपति कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उपराज्यपालों के 51वें सम्मेलन की अध्यक्षता की। राज्यपालों का सम्मेलन एक परंपरा है जो लगभग देश की स्वतंत्रता जितनी पुरानी है। राज्यपालों का पहला सम्मेलन 1949 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता भारत के अंतिम गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी ने की थी। कोविंद की अध्यक्षता में यह चौथा सम्मेलन था।

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