‘हर हर महादेव, आतंकी खतरा हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं': अमरनाथ यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं साधू

Edited By Updated: 25 Jun, 2022 09:05 PM

sadhus are very excited about amarnath yatra

कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद अगले सप्ताह शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा में इस बार साधुओं समेत श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में भाग लेने की संभावना है और उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचना भी शुरू कर दिया है।

नेशनल डेस्क: कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद अगले सप्ताह शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा में इस बार साधुओं समेत श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में भाग लेने की संभावना है और उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचना भी शुरू कर दिया है। ओल्ड सिटी के पुरानी मंडी इलाके में आधार शिविर राम मंदिर में सैकड़ों साधू और साध्वी डेरा डाल रहे हैं और वे दक्षिण कश्मीर के हिमालय में 3,880 मीटर लंबी पवित्र गुफा में प्राकृतिक रूप से बने शिवलिंग ‘बर्फानी बाबा' के दर्शन करने के लिए तीर्थयात्रा के बहाल होने को लेकर उत्साहित हैं।

30 जून से शुरू होगी पावन यात्रा
यह 43 दिवसीय यात्रा दो मार्गों से 30 जून से शुरू होगी, जिसमें दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान और मध्य कश्मीर के गंदेरबल में 14 किलोमीटर लंबा छोटा मार्ग बालटाल है। यात्रा शुरू होने से एक दिन पहले जम्मू में भगवती नगर और राम मंदिर से साधुओं समेत श्रद्धालुओं का पहला जत्था कश्मीर के दोनों आधार शिविरों के लिए रवाना होगा। आधार शिविरों पर किसी भी आतंकवादी हमले को रोकने और शांतिपूर्ण यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। मंदिर परिसर में बड़े सभागार के भीतर छोटे समूहों में रह रहे और ‘‘बम बम भोले'' तथा ‘‘हर हर महादेव'' जैसे नारे लगा रहे साधू आतंकवादी खतरे से बेपरवाह हैं और उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है।''

'सनातन धर्म सबको प्रेम करना सिखाता है'
असम के एक महंत श्री राजा गिरि ने कहा, ‘‘हम केवल धर्म को जानते हैं और हमारा धर्म सनातन है जो हमें सभी से प्रेम करना सिखाता है। हम अपने ईश्वर से मुलाकात करने के लिए एक धार्मिक यात्रा पर हैं और हमें केवल इसकी परवाह है।'' महिलाओं समेत 12 शिष्यों के साथ आए महंत ने कहा कि धर्म राजनीति से ऊपर है और राजनीति लोगों को बांटती है। ऐसे ही विचार साझा करते हुए पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी की साध्वी सपना दास ने कहा कि वह ‘बाबा' से मिलने जा रही हैं और पूरी दुनिया के लिए उनका आशीर्वाद मांगेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए लेकिन मैं देशवासियों और दुनियाभर के लोगों के लिए आशीर्वाद मांगूंगी। हम आतंकवादियों को सदबुद्धि देने के लिए भी प्रार्थना करेंगे, जो निर्दोष लोगों की जान ले रहे हैं।''

यात्रा सदियों से ‘‘हिंदू-मुस्लिम'' एकता का उदाहरण है
जोश से परिपूर्ण राजस्थान के महंत राम गिरि राज राजाश्री नागा ने कहा कि वह पहली बार गुफा मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम वहां जाने को लेकर खुश हैं और सुरक्षा तथा अन्य बंदोबस्त से संतुष्ट हैं। हमें बिना किसी परेशानी के तीर्थयात्रा पूरी होने की उम्मीद है।'' 4,000 से अधिक साधुओं के ठहरने की क्षमता वाले मंदिर के प्रमुख महंत रामेश्वर दास ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं कि साधुओं को कोई असुविधा न हो। उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा की गयी व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए महंत ने कहा कि यह यात्रा सदियों से ‘‘हिंदू-मुस्लिम'' एकता का उदाहरण है लेकिन कुछ राष्ट्र विरोधी तत्व हैं जो यात्रा में बाधा डालकर साम्प्रदायिक सौहार्द्र और भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।''

सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
इस बीच, जम्मू में भगवती नगर के मुख्य ट्रांजिट शिविर को पुलिस तथा अर्द्धसैन्य बलों ने यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के तहत पूरी तरह सील कर दिया है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘विशेष पहचान पत्र रखने वाले लोगों को ही परिसर के भीतर जाने की अनुमति है।'' इलाके में और उसके आसपास बम निरोधक दस्ते, खोजी कुत्तों और निगरानी ड्रोनों को तैनात किया गया है। जम्मू नगर निगम (जेएमसी) के आयुक्त राहुल यादव ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि यात्रा इस साल ‘कचरा मुक्त' हो। 

 

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