Cancer Alert: रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाले खुलासे: भारत में हर साल बढ़ रहे कैंसर के नए केस, जानें वजह

Edited By Updated: 05 Dec, 2025 04:59 PM

report reveals shocking revelations new cancer cases are increasing every year

भारत में कैंसर के नए मामलों की संख्या हर वर्ष तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2024 में देशभर में 15.33 लाख से अधिक नए मरीज दर्ज किए गए, जबकि 2023 में ये आंकड़ा 14.96 लाख और 2022 में 14.61 लाख था। लगातार बढ़ते केस साफ दिखाते हैं कि कैंसर देश के लिए एक बड़ी...

नेशनल डेस्क: भारत में कैंसर के नए मामलों की संख्या हर वर्ष तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2024 में देशभर में 15.33 लाख से अधिक नए मरीज दर्ज किए गए, जबकि 2023 में ये आंकड़ा 14.96 लाख और 2022 में 14.61 लाख था। लगातार बढ़ते केस साफ दिखाते हैं कि कैंसर देश के लिए एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बनता जा रहा है।

दिल्ली में कैंसर का बढ़ता बोझ
राजधानी दिल्ली की स्थिति भी चिंताजनक है। 2024 में यहां 28,387 नए मरीज सामने आए, जो 2023 के 27,561 और 2022 के 26,735 मामलों की तुलना में काफी अधिक हैं। इतनी तेजी से बढ़ोतरी न केवल बढ़ते जोखिमों की ओर इशारा करती है, बल्कि राजधानी के अस्पतालों और ऑन्कोलॉजी सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव भी डाल रही है।

कौन से राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित?
ICMR के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक:
➤ उत्तर प्रदेश – 2.21 लाख मामले
➤ महाराष्ट्र – 1.27 लाख
➤ पश्चिम बंगाल – 1.18 लाख
➤ बिहार – 1.15 लाख
➤ तमिलनाडु – 98,386

विशेषज्ञों का क्या कहना है?
ऑन्कोलॉजिस्ट्स का मानना है कि लाइफस्टाइल, प्रदूषण, और देर से जांच—ये तीन मुख्य वजहें हैं, जो दिल्ली में कैंसर को तेजी से बढ़ा रही हैं। फोर्टिस अस्पताल, नई दिल्ली के वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. प्रमोद जैन बताते हैं कि अब अधिकतर मरीज कम उम्र में और उन्नत स्टेज में अस्पताल पहुंच रहे हैं। उनके अनुसार दिल्ली की जहरीली हवा, तनाव, गलत खान-पान और स्क्रीनिंग की कमी मिलकर कैंसर के लिए “परफेक्ट स्टॉर्म” तैयार कर रहे हैं।

नोएडा स्थित संजीवनी अस्पताल की मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. अमृता गुप्ता का कहना है कि लंबे वर्किंग अवर्स, कम शारीरिक गतिविधि, प्रोसेस्ड फूड, तंबाकू-अल्कोहल का बढ़ता सेवन और हवा में विषाक्त कण, खासकर फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ा रहे हैं। वे मानती हैं कि शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना और देर से डॉक्टर के पास पहुंचना भी गंभीर स्टेज के बढ़ते मामलों की वजह है।
उनके अनुसार, “थोड़े-बहुत लाइफस्टाइल बदलाव और समय पर स्क्रीनिंग, कैंसर का जोखिम काफी कम कर सकते हैं।”


सरकार की तैयारी और कदम
संसद में बढ़ते कैंसर मामलों पर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि सरकार NP-NCD कार्यक्रम के तहत देशभर में रोकथाम, स्क्रीनिंग और उपचार की सुविधाएं विस्तार कर रही है।


फिलहाल देश में:
770 ज़िला NCD क्लीनिक,
6,410 CHC स्तर के NCD क्लीनिक


364 ज़िला डे-केयर कीमोथेरेपी सेंटर संचालित हैं।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने 19 स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, 20 टर्शियरी कैंसर सेंटर, और नए AIIMS में ऑन्कोलॉजी यूनिट्स स्थापित की हैं। मंत्री ने बताया कि इलाज महंगा न पड़े, इसके लिए कई कैंसर दवाइयां जन औषधि केंद्रों और AMRIT फार्मेसी में बाजार से 50–80% कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। कई जरूरी दवाओं पर कस्टम ड्यूटी और GST में भी कमी की गई है।

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