Edited By Tanuja,Updated: 03 Dec, 2025 05:56 PM

पुतिन के भारत दौरे से पहले EU Envoy Herve Delphin ने कहा कि रूस यूरोप के हितों के खिलाफ एक “आक्रांता” है, और भारत को इसे ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने सुरक्षा को साझेदारी का मुख्य आधार बताया। इसी बीच रूस S-400, Su-57, ब्रह्मोस और न्यूक्लियर डील पर...
International Desk: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से पहले, भारत में यूरोपीय संघ (EU) के राजदूत हर्वे डेलफिन ने कहा कि रूस आज “स्पष्ट आक्रामक” देश है और उसने यूरोप के हितों के प्रति शत्रुता दिखाई है। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी विदेश नीति में इस वास्तविकता को ध्यान में रखना चाहिए।डेलफिन ने कहा कि रूस द्वारा पड़ोसी देश पर हमला, ड्रोन गतिविधियां और समुद्र के नीचे केबलों को निशाना बनाए जाने जैसी घटनाएं अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं और पूरी तरह दस्तावेज़ित हैं। उनके अनुसार, “यूरोप भारत के मूल सुरक्षा हितों को कभी नुकसान नहीं पहुंचाएगा, और वही उम्मीद EU को भारत से भी है।”
उन्होंने स्वीकार किया कि “रूस सवाल” के बावजूद पिछले वर्षों में भारत–EU संबंध मजबूत हुए हैं और दोनों पक्षों के बीच रक्षा, सुरक्षा, तकनीक और रणनीतिक मामलों में सहयोग की बड़ी संभावनाएं हैं। डेलफिन की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब पुतिन 4–5 दिसंबर को भारत के लिए रवाना हो रहे हैं, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वें वार्षिक भारत–रूस शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा। इस बीच, रूस ने संकेत दिया है कि S-400 की अतिरिक्त यूनिट, Su-57 फिफ्थ-जनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट की बिक्री और ब्रह्मोस जैसे संयुक्त रक्षा प्रोजेक्टों पर भारत के साथ बातचीत आगे बढ़ सकती है। क्रेमलिन के अनुसार, परमाणु ऊर्जा सहयोग पर भी नई समझौते की संभावना है।