10 साल के लिए बढ़ा SC/ST आरक्षण, राज्यसभा से विधेयक को मिली मंजूरी

Edited By Yaspal,Updated: 12 Dec, 2019 07:09 PM

sc st reservation extended for 10 years bill gets approval from rs

लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण की समय सीमा 2020 से दस साल और बढ़ाने तथा एंग्लो इंडियन समुदाय के लिए संसद एवं विधानसभाओं आरक्षण समाप्त करने संबंधी संविधान (126वां संशोधन) विधेयक 2019 पर

नई दिल्लीः लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण की समय सीमा 2020 से दस साल और बढ़ाने तथा एंग्लो इंडियन समुदाय के लिए संसद एवं विधानसभाओं आरक्षण समाप्त करने संबंधी संविधान (126वां संशोधन) विधेयक 2019 पर आज राज्यसभा की मंजूरी मिलने के साथ ही संसद की मुहर लग गयी। लोकसभा इसे पहले पारित चुकी है। राज्यसभा में हुए मतविभाजन के दौरान सदन में मौजूद सभी 163 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में वोट दिया और विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा।
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सदन में करीब तीन घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और इसे कभी नहीं हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि संविधान में मूल आधारों को परिवर्तित करने की आशंका भी निराधार है।
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कानून मंत्री ने कहा अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमीलेयर की बात करना गलत है और सरकार इसके विरोध में हैं। इस संबंध में सरकार ने अपना पक्ष न्यायालय में रख दिया है। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों से अनुरोध किया जाता है कि वे कॉलेजियम के माध्यम से अनुसूचित जाति और जनजाति, महिला एवं पिछड़े वर्ग के लोगों के नामों की सिफारिशें करें ताकि इन समुदायों के लोग भी न्यायाधीश बन कर आयें।
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प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक सेवा में भी सरकार आरक्षण का प्रावधान करेगी। उच्च न्यायालय के एक दलित जज को उच्चतम न्यायालय में लाया गया है और वह आगे चल कर मुख्य न्यायाधीश भी बन सकते हैं।

 

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