Edited By ,Updated: 10 May, 2016 10:59 AM

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से छात्रों को जाति एवं मूल निवास प्रमाणपत्र पांचवीं से आठवीं कक्षा में उनके अध्ययन के दौरान देने को कहा गया है।
नई दिल्ली: सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से छात्रों को जाति एवं मूल निवास प्रमाणपत्र पांचवीं से आठवीं कक्षा में उनके अध्ययन के दौरान देने को कहा गया है। यह कदम इसलिए मायने रखता है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को मिलने वाली छात्रवृत्ति में देर होने की शिकायतें आती हैं। इसके अलावा नागरिक अक्सर मूल निवास प्रमाणपत्र और जाति प्रमाणपत्र जारी करने मंे सरकार द्वारा कथित तौर पर प्रताडि़त किए जाने की शिकायत करते हैं।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि संबद्ध राजस्व या राज्य प्राधिकार उन दस्तावेजों की छानबीन कर सकते हैं और 30 से 60 दिन के अंदर संबद्ध प्रमाणपत्र जारी कर सकते हैं। इसने कहा है कि प्रमाणपत्र तैयार हो जाने के बाद इसे छात्रों को सेलफोन में दिया जा सकता है ताकि जरूरत पडऩे पर वह इसका इस्तेमाल कर सकें।