कोर्ट का पुरानी गाड़ियों पर सुप्रीम फरमान, अब सिर्फ इन कारों को मिलेगी राहत, बाकी होंगी सीधे जब्त

Edited By Updated: 18 Dec, 2025 03:22 PM

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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में 10 साल से पुरानी डीज़ल और 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को लेकर आदेश में बदलाव किया। अब केवल BS-IV और BS-VI मानक वाली गाड़ियों को ही 15 साल से अधिक पुरानी होने पर राहत मिलेगी। पुराने BS-I, BS-II और BS-III वाहन हवा...

नेशनल डेस्क : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में चल रही 10 साल से अधिक पुरानी डीज़ल और 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को लेकर अपने फैसले में बदलाव किया है। अदालत ने दिल्ली सरकार को “एंड ऑफ लाइफ” गाड़ियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से रोकने वाला आदेश जारी किया था, जिससे उन लोगों को राहत मिली थी जिनके पास पुरानी गाड़ियां हैं। लेकिन बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह राहत केवल BS-IV और BS-VI एमिशन नॉर्म्स वाली गाड़ियों पर ही लागू होगी।

भारत में अधिकांश 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीज़ल गाड़ियों में BS-III (भारत स्टेज 3) मानक का इंजन होता है। नए आदेश के अनुसार, इससे दिल्ली में चल रही लाखों गाड़ियां प्रभावित होंगी। आंकड़ों के मुताबिक, इस आदेश के प्रभाव से 14.7 लाख से अधिक BS-I वाहनों में कारें, थ्री-व्हीलर, टू-व्हीलर, बसें और माल ढोने वाली गाड़ियां शामिल हैं। इसके अलावा, 38.7 लाख से अधिक BS-II और 53.7 लाख BS-III वाहन भी प्रभावित होंगे।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें चीफ जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमल्य बागची और जस्टिस विपुल एम. पंचोली शामिल हैं, ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) की ओर से दायर याचिका पर यह आदेश दिया। बेंच ने कहा कि केवल वही गाड़ियां, जो BS-IV और BS-VI मानक की हैं, अगर 15 साल से अधिक पुरानी हों, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त के अपने आदेश में निर्देश दिया था कि 10 साल से अधिक पुरानी डीज़ल गाड़ियों और 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियों के खिलाफ कोई जबरन कार्रवाई नहीं की जाए। हालांकि, मौजूदा हवा की गुणवत्ता को देखते हुए अदालत ने BS-IV से पहले की पुरानी गाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दी है।

दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि फिलहाल BS-VI से नीचे की गाड़ियां दिल्ली में रजिस्टर नहीं होंगी। इसके अलावा, बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट दिखाए हुए फ्यूल नहीं मिलेगा। BS-IV दिल्ली में रजिस्टर्ड डीज़ल गाड़ियों को रोका नहीं जाएगा, और बाकी मामलों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखा जाएगा।

CAQM ने SC में उठाया BS-III वाहनों का मुद्दा
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बॉडी (CAQM) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि पुराने इंजन वाली गाड़ियां (BS-III) प्रदूषण में अत्यधिक योगदान देती हैं और उन्हें किसी भी प्रकार की छूट नहीं मिलनी चाहिए। CAQM के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में सड़क पर चल रहे कुल 2.88 करोड़ वाहनों में लगभग 93 प्रतिशत हल्के मोटर वाहन हैं, जैसे कारें और दोपहिया वाहन। इनमें से लगभग 37 प्रतिशत वाहन BS-III या उससे पुराने इंजन पर चलते हैं।

CAQM ने कोर्ट में प्रस्तुत आंकड़ों में बताया कि पुराने वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण की मात्रा नए वाहनों की तुलना में काफी अधिक है। उदाहरण के लिए, पुराने वाहन 2.5 से 31 गुना अधिक पार्टिकुलेट मैटर, 6.25 से 12 गुना अधिक नाइट्रोजन ऑक्साइड और 1.28 से 5.4 गुना अधिक कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जित करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग एयर पॉल्यूशन मामलों में एमिकस क्यूरी सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने बताया कि BS-IV मानक 2010 में लागू हुआ था और BS-III मॉडल इसके पहले के हैं।

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