Edited By Mahima,Updated: 15 Mar, 2024 09:34 AM
हाल ही में एक अध्ययन में पाया गया है कि कोविड महामारी के समाप्त होने के बाद भी इसका असर शरीर में लंबे समय तक रहता है। हालांकि इसी बीच अच्छी खबर यह है कि अच्छी खबर यह है कि वैज्ञानिकों ने एंटीवायरल दवाओं की एक नई श्रेणी की खोज की है जो कोविड संक्रमण...
नेशनल डेस्क: हाल ही में एक अध्ययन में पाया गया है कि कोविड महामारी के समाप्त होने के बाद भी इसका असर शरीर में लंबे समय तक रहता है। हालांकि इसी बीच अच्छी खबर यह है कि अच्छी खबर यह है कि वैज्ञानिकों ने एंटीवायरल दवाओं की एक नई श्रेणी की खोज की है जो कोविड संक्रमण को रोकने, या इलाज करने की क्षमता रखती है।
नेचर जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दावा कि कोविड-19 का कारण बनने वाला सार्स कोव-2 वायरस कोशिकाओं में एक मार्ग को सक्रिय करता है, जो पेरोक्सिजोम्स व इंटरफेरॉन के उत्पादन को रोक देता है। इस समस्या के हल स्वरूप वैज्ञानिकों द्वारा खोजी गई नई एंटीवायरल दवा इंटरफेरॉन के उत्पादन को बढ़ाकर कोविड का प्रभाव कम करती है।
4 साल भी सामने आ रहे हैं कोरोना के मामले
कोरोना वायरस 4 साल से अधिक समय से वैश्विक स्वास्थ्य के लिए बड़ा जोखिम बना हुआ है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का एक शोध बताता है कि किसी व्यक्ति के पहली बार कोरोना से संक्रमित होने के बाद वायरस के अवशेष एक वर्ष से अधिक समय तक रक्त और टिशुज में रह सकते हैं। ऐसे में कोरोना के जोखिमों को लेकर सभी को सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
कोविड के मामलों में इजाफा शुभ संकेत नहीं है। मौजूदा समय में देश में कोविड के जो मरीज सामने आ रहे हैं। उनके अंदर तेज बुखार, खांसी, जुकाम, सूंघने की क्षमता का कम होना, निमोनिया जैसे लक्षण और आंखों में इंफेक्शन जैसे लक्षणों दिख रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक फिलहाल ज्यादातर लक्षण हल्के दिख रहे हैं और मरीज 7 दिनों के अंदर ठीक हो रहे हैं। फिर भी बचाव के उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है।