अमित शाह बोले- हथियारों के बल पर बस्तर की शांति भंग करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देंगे सुरक्षा बल

Edited By Updated: 04 Oct, 2025 06:22 PM

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को माओवादियों से किसी भी तरह से बातचीत की संभावना से इंकार करते हुए कहा कि वे आत्मसमर्पण करें और बस्तर के विकास में सहभागी बनें।

नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को माओवादियों से किसी भी तरह से बातचीत की संभावना से इंकार करते हुए कहा कि वे आत्मसमर्पण करें और बस्तर के विकास में सहभागी बनें। शाह ने जगदलपुर के लालबाग परेड मैदान में आयोजित बस्तर दशहरा लोकोत्सव, 2025 और ‘स्वदेशी मेला' के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एक बार फिर 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद के खात्मे के संकल्प को दोहराया। गृह मंत्री ने कहा कि हथियारों के बल पर बस्तर की शांति भंग करने वालों को सुरक्षा बल मुंहतोड़ जवाब देंगे। शाह ने बस्तर क्षेत्र की जनता को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं सभी आदिवासी भाइयों बहनों को कहना चाहता हूं कि आपके ग्राम के युवाओं को हथियार डालने के लिए समझाइए। वह हथियार डाल दें, मुख्यधारा में आएं तथा बस्तर के विकास में सहभागी बनें।''

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग वार्ता की बात करते हैं, मैं फिर से एक बार स्पष्ट कर देता हूं, हमारी दोनों सरकारें - छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार - बस्तर और नक्सल प्रभावित हर क्षेत्र के विकास को समर्पित है, किस चीज की वार्ता करनी है, बहुत मोहक आत्मसमर्पण नीति हमने बनाई है, आइए हथियार डाल दीजिए। हथियार के बल पर बस्तर की शांति को अगर आपने छिन्न-भिन्न करने का काम किया तो हमारे सशस्त्र बल इसका जवाब देंगे। 31 मार्च 2026 की तिथि नक्सलवाद को इस देश की भूमि पर से विदाई देने के लिए तय है।'' केंद्रीय गृह मंत्री ने नक्सलवाद को बस्तर के विकास के लिए सबसे बड़ा रोड़ा बताया और विश्वास जताया कि अगले वर्ष तक यह समस्या समाप्त हो जाएगी। शाह ने कहा, ‘‘आज सुबह मैंने दंतेश्वरी माई का दर्शन और पूजन किया। मां के चरणों में प्रार्थना की है कि 31 मार्च, 2026 को पूरे बस्तर क्षेत्र को लाल आतंक से मुक्त करने की हमारी सुरक्षा बलों को शक्ति दे।'' उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में कुछ लोगों ने वर्षों तक भ्रांति फैलाई कि नक्सलवाद का जन्म विकास की लड़ाई है, पर मैं आदिवासी भाइयों को बताने आया हूं कि पूरा बस्तर विकास से महरूम रहा, विकास आप तक नहीं पहुंचा है इसका मूल कारण नक्सलवाद है। आज देश के हर गांव में बिजली, पीने का पानी, रोड, हर घर में शौचालय, पांच लाख तक का स्वास्थ्य का बीमा, पांच किलो मुफ्त चावल और आपके धान को 3100 रूपए (प्रति क्विंटल) तक पहुंचाने की व्यवस्था हुई है। लेकिन बस्तर इसमें पीछे रह गया है।''

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शाह ने कहा, ‘‘मैं आज (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी की ओर से आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि 31 मार्च 2026 के बाद नक्सलवादी आपके विकास को नहीं रोक पाएंगे। आपके अधिकार को नहीं रोक पाएंगे। काफी कुछ काम हुआ है काफी कुछ काम बाकी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं आप सभी से अपील करने भी आया हूं कि जो बच्चे गुमराह होकर नक्सलवाद से जुड़े हैं, आप ही के गांव के हैं, उनको समझाइए कि शस्त्र डाल दें और मुख्य धारा में आ जाएं। छत्तीसगढ़ शासन ने भारत में सबसे अच्छी आत्मसमर्पण नीति बनाई है। एक ही माह में 500 से ज्यादा लोगों ने हथियार डाले हैं। सभी लोग हथियार डालें। आपका गांव नक्सली मुक्त होते ही गांव के विकास के लिए एक करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ शासन आपको देगा। नक्सलवाद से किसी का भला नहीं होगा।'' शाह ने इस दौरान सभी से स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘आज यहां पर स्वदेशी जागरण मंच ने स्वदेशी मेला भी लगाया है। हमारे प्रधानमंत्री ने भी स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग पर बल दिया है। स्वदेशी जागरण मंच अनेक सालों से स्वदेशी का जन आंदोलन चला रहा है। अब मोदी जी ने सभी को कहा है, हर घर में संकल्प लेना है कि मेरे घर में देश में बनी हुई चीजों का ही उपयोग होगा।''

उन्होंने कहा, ‘‘हर व्यापारी को यह संकल्प लेना है कि मेरी दुकान में, मेरे शॉपिंग मॉल के अंदर विदेश से बनी हुई कोई चीज उपलब्ध नहीं होगी। आज मैं बताने आया हूं 140 करोड़ की आबादी स्वदेशी के संकल्प को आत्मसात करे तो हमारे भारत को दुनिया की सर्वोच्च आर्थिक व्यवस्था बनने से कोई नहीं रोक सकेगा।'' शाह ने कहा, ‘‘मोदी जी ने देशभर की माता बहनों को 395 वस्तुओं में कर (जीएसटी) घटाकर बहुत बड़ी राहत देने का काम किया है। रोजाना उपयोग की चीजों में पांच प्रतिशत ही जीएस्रटी रखा गया है।'' केंद्रीय गृह मंत्री ने इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा आदिवासियों के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी दी।

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उन्होंने कहा,‘‘भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आदिवासियों के सम्मान में ढेर सारी योजनाएं शुरू की है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे नेता नरेन्द्र मोदी जी ने राष्ट्रपति के पद पर पहली बार आदिवासी की बेटी, बहन द्रोपदी मुर्मू को बिठाने का काम किया है। जब महामहिम द्रोपदी मुर्मू जी दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्षों से मिलती हैं तब न केवल आदिवासी समाज का बल्कि हम सब का हृदय गर्व से भर जाता है।'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की 150 जयंती को जनजाति गौरव वर्ष के रूप में मनाने का काम किया। शाह ने कहा, ‘‘बस्तर संभाग के सात जिलों में जो नक्सली आत्मसमर्पण करते हैं उनके परिजनों के लिए तथा नक्सली हिंसा में जो लोग मारे गए हैं, उनके परिजनों के लिए 15 हजार प्रधानमंत्री आवास तय थे, उससे ज्यादा देने का काम हमारे नरेन्द्र मोदी जी ने किया है।''

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में छत्तीसगढ़ के विकास के लिए लगभग चार लाख 40 हजार करोड़ रुपए दिये हैं। केंद्रीय गृहमंत्री ने इससे पहले जगदलपुर में मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की तथा विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा उत्सव के तहत आयोजित होने वाले पारंपरिक आयोजन 'मुरिया दरबार' में हिस्सा लिया। मुरिया दरबार में शाह ने पुजारियों और आदिवासी समुदाय के नेताओं से बातचीत की। कार्यक्रम के दौरान शाह ने राज्य की महतारी वंदन योजना की 20वीं किस्त जारी करते हुए 65 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 606.94 करोड़ रुपये की राशि का अंतरण किया। उन्होंने आदिवासी बहुल बस्तर और सरगुजा संभागों के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा योजना की भी शुरुआत की। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि इस बस सेवा योजना के तहत 250 गांवों को शामिल किया जाएगा तथा 34 मार्गों पर 34 बसें चलाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बस संचालकों को होने वाले नुकसान की भरपाई राज्य सरकार करेगी। इस दौरान उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, साय मंत्रिमंडल के सदस्य और वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

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