Edited By Shubham Anand,Updated: 16 Aug, 2025 05:40 PM

मेरिका की प्रमुख रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को भारत के शीर्ष 10 वित्तीय संस्थानों की दीर्घकालिक क्रेडिट रेटिंग में बढ़ोतरी की है। यह कदम उस समय उठाया गया जब एक दिन पहले ही एसएंडपी ने भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को 18 साल बाद...
नेशनल डेस्क: अमेरिका की प्रमुख रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को भारत के शीर्ष 10 वित्तीय संस्थानों की दीर्घकालिक क्रेडिट रेटिंग में बढ़ोतरी की है। यह कदम उस समय उठाया गया जब एक दिन पहले ही एसएंडपी ने भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को 18 साल बाद सुधारते हुए ‘BBB-’ से ‘BBB’ कर दिया था।
रेटिंग में सुधार पाए संस्थानों में भारतीय स्टेट बैंक (SBI), आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, और तीन वित्तीय कंपनियां - बजाज फाइनेंस, टाटा कैपिटल और एलएंडटी फाइनेंस शामिल हैं।
आर्थिक वृद्धि और सुधारों से मिलेगा फायदा
एसएंडपी ने बयान में कहा, “भारत के वित्तीय संस्थान देश की तेज आर्थिक वृद्धि दर का लाभ उठाते रहेंगे। इन संस्थाओं को घरेलू बाजार पर केंद्रित रहने और प्रणाली में संरचनात्मक सुधारों जैसे कि खराब ऋणों की वसूली से भी फायदा मिलेगा।”
एजेंसी ने यह भी कहा कि भारतीय बैंक अगले 12-24 महीनों में मजबूत परिसंपत्ति गुणवत्ता, बेहतर लाभप्रदता और मजबूत पूंजीकरण बनाए रखने में सक्षम रहेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सकारात्मक स्थिति कुछ दबाव वाले क्षेत्रों के बावजूद बनी रहेगी। साथ ही, एसएंडपी के अनुसार, प्रणाली में ऋण जोखिम में भी गिरावट आई है।
आईबीसी से सुधरी भुगतान संस्कृति
रेटिंग एजेंसी ने दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (IBC) की सराहना करते हुए कहा कि इससे भारत में भुगतान संस्कृति और कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है। 2016 में लागू की गई इस संहिता ने लेनदारों की स्थिति को मज़बूत किया है और एक ऐसी क्रेडिट संस्कृति को बढ़ावा दिया है, जो संस्थाओं के पुनर्गठन को प्रोत्साहित करती है।
सार्वजनिक उपक्रमों की भी बढ़ी रेटिंग
एसएंडपी ने गुरुवार को ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC), पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, एनटीपीसी लिमिटेड और टाटा पावर की रेटिंग भी ‘BBB-’ से बढ़ाकर ‘BBB’ कर दी थी। इसी तरह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक (India Exim) और भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) की दीर्घकालिक जारीकर्ता क्रेडिट रेटिंग भी अब ‘BBB’ हो गई है।
सॉवरेन रेटिंग से जुड़ा है सीधा प्रभाव
एसएंडपी ने यह भी स्पष्ट किया कि कई भारतीय वित्तीय संस्थानों की रेटिंग भारत की सॉवरेन रेटिंग पर निर्भर करती है। क्योंकि इन संस्थानों पर सॉवरेन रेटिंग का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है, ऐसे में जब भारत की सॉवरेन रेटिंग सुधरी, तो उससे जुड़ी संस्थाओं की रेटिंग भी स्वतः बेहतर हुई।