Edited By Monika Jamwal,Updated: 18 Jun, 2019 03:50 PM
अनंतनाग हमले में शहीद हुये जम्मू कश्मीर पुलिस के एसएचओ अरशद खान की अंतिम विदाई पर पूरा पुलिस परिवा रो पड़ा।
श्रीनगर : अनंतनाग हमले में शहीद हुये जम्मू कश्मीर पुलिस के एसएचओ अरशद खान की अंतिम विदाई पर पूरा पुलिस परिवा रो पड़ा। मौका ऐसा था कि कोई भी खुद को रोक नहीं पाया। अरशद के बेटों, अबुहान और दामीन को फादर्स डे पर अपने पिता की लाश देखने को मिली। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो गया। खान का पांच वर्ष का बेटा अबुहान पिता के श्रद्धांजलि समारोह में पहुंचा पर उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। शहीद का दूसरा बेटा मात्र दो वर्ष का है।
पार्थिव शरीर पर पुष्प चढ़ाने की रसम के दौरान एसएसपी श्रीनगर हसीब ने जैसे ही अबुहान को देखा तो उसे गोद में लेकर फूट-फूटकर रोने लगे। एसएसपी सेक्योरिटी इम्तियाज हुसैन भी खुद को नहीं रोक पाए और रो पड़े। इस मौके पर राज्यापाल के सलाहकार ने खुद पार्थिव देह को कंधा दिया। पुलिस अधिकारी जब एसएचओ के घर पहुंचे तो अबुहान खिलौना बंदूक लेकर खेलने लगा जिसे देखकर हर किसी की आंखे छलक गईं।
अदम्य साहस का दिया परिचय
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार ने सोमवार को कहा कि राज्य में अमन-चैन के लिए पुलिसकर्मियों के त्याग और बलिदान से हमारा संकल्प और मजबूत होगा। उन्होंने 12 जून को अनंतनाग में आतंकी हमले में घायल हुए पुलिस अधिकारी अरशद खान को श्रद्धांजलि दी। उन्हें नयी दिल्ली में एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार को उनकी मौत हो गयी थी। राज्यपाल के सलाहकार ने कहा कि आतंकियों की गोलीबारी में घिरे सीआरपीएफ के कर्मियों को बचाने के लिए वहां पहुंचकर पुलिस अधिकारी ने अदम्य साहस का परिचय दिया। कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस और सभी सुरक्षा बलों ने बहुत बलिदान दिए हैं। यह बलिदान हमारे संकल्प को मजबूत करेगा। अमन-चैन के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस के 1600 से ज्यादा एसपीओ (विशेष पुलिस अधिकारी) और पुलिसकर्मी अपने प्राणों का बलिदान दे चुके हैं।