जिले का मूल्यांकन करने के लिए राज्य सरकार विकसित कर रही तंत्र

Edited By Updated: 05 Sep, 2022 09:19 PM

state government is developing a to evaluate the district

हरियाणा का समग्र विकास सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के मद्देनजर हर जिले की प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए राज्य सरकार एक नया तंत्र विकसित करने जा रही है। जल्द ही इस नई योजना को लागू किया जाएगा, जिससे हर जिले में खण्ड स्तर और शहरी स्थानीय...

चंडीगढ़, 5 सितंबर –(अर्चना सेठी) हरियाणा का समग्र विकास सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के मद्देनजर हर जिले की प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए राज्य सरकार एक नया तंत्र विकसित करने जा रही है। जल्द ही इस नई योजना को लागू किया जाएगा, जिससे हर जिले में खण्ड स्तर और शहरी स्थानीय निकाय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा। मूल्यांकन में जो भी खण्ड या स्थानीय निकाय प्रगति में पिछड़े पाए जाएंगे, उनमें विशेष फोकस कर उन्हें भी विकास के नाते से आगे बढ़ाया जाएगा।मुख्य सचिव  संजीव कौशल ने आज इस संबंध में विकास एवं पंचायत तथा शहरी स्थानीय निकाय विभागों के साथ बैठक की। कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी 10 दिनों में फ्रेमवर्क तैयार किया जाए। इसके अलावा, जिला उपायुक्तों व अन्य संबंध विभागों के साथ भी बैठकें कर फ्रेमवर्क तैयार करने के संबंध में सुझाव मांगे जाएं।

उन्होंने कहा कि नीति आयोग के एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम की तर्ज पर राज्य के सभी खण्डों और शहरी स्थानीय निकायों के मध्य भी एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाना चाहिए। इससे एक ओर जहां विकास के मामले में पीछे चल रहे खण्डों और निकायों के बारे में जानकारी मिलेगी तो वहीं इनमें प्रतियोगिता की भावना भी पैदा होगी, जिससे सभी अपने क्षेत्र में बेहतर तरीके से कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे। संजीव कौशल ने कहा कि इस नई पहल से राज्य सरकार का उद्देश्य हर उस क्षेत्र की पहचान करना है, जो विकास के मामले में कहीं पीछे चल रहा है, ताकि उसे सुदृढ़ कर उसे भी विकास यात्रा में जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का ध्येय शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वाभिमान और स्वावलंबन पर जोर देते हुए प्रत्येक नागरिक का सर्वांगीण विकास व कल्याण सुनिश्चित करना है। यह तभी संभव होगा जब शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का समान विकास होगा। इसलिए इस नए तंत्र को विकसित करने पर जोर दिया गया है।

बैठक में बताया गया कि विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा प्रारूप तैयार कर लिया गया है, जिसके अनुसार खण्ड स्तर पर विकास कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा। जो खण्ड जिस मापदंड में विकास गति में धीमे पाए जाएंगे, उनमें विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके लिए लगभग 10 मापदंड चिह्नित किए गए  हैं। प्रारूप को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। इसी प्रकार, शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा तैयार प्रारूप में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, जल प्रबंधन, राजस्व प्रबंधन मूलभूत सुविधाएं इत्यादि मापदंडों को चिह्नित किया गया है। इन मापदंडों पर शहरी स्थानीय निकायों का मूल्यांकन किया जाएगा। जिन्हें हर मापदंड के लिए अलग से स्कोर दिए जाएंगे और कुल स्कोर के आधार पर निकायों की रैंकिंग की जाएगी।

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