पंजाब सरकार की खास पहल! स्कॉलरशिप स्कीम के तहत स्टूडेंट्स का भविष्य संवारा जा रहा है

Edited By Updated: 24 Nov, 2025 07:19 PM

the future of students is being secured under the scholarship scheme

पंजाब सरकार जहां दूसरे तबकों के लिए दिन-रात काम कर रही है, वहीं अनुसूचित जाति के बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए भी लगातार खास कोशिशें कर रही है। पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति के स्टूडेंट्स के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के तहत...

नेशनल डेस्क: पंजाब सरकार जहां दूसरे तबकों के लिए दिन-रात काम कर रही है, वहीं अनुसूचित जाति के बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए भी लगातार खास कोशिशें कर रही है। पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति के स्टूडेंट्स के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के तहत फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के लिए 245 करोड़ रुपये का बजट प्रोविजन किया है।

इसके साथ ही, साल 2024-25 के बजट से 92 करोड़ रुपये भी जारी किए गए हैं, जिससे हजारों स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई जारी रखने में मदद मिलेगी। पंजाब सरकार का यह कदम सभी के लिए तरक्की और पढ़ाई के बराबर मौके पक्का करने की दिशा में एक अहम कोशिश है। पंजाब सरकार ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप (PMS) स्कीम के तहत 6 लाख 78 हजार स्टूडेंट्स की मदद की है। सरकार के कार्यकाल में 3 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने इस स्कॉलरशिप का फायदा उठाया है। अभी 2,37,456 बच्चे पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप का फायदा उठा रहे हैं।

हाल ही में पंजाब सरकार ने ओवरसीज स्कॉलरशिप पोर्टल खोला है, जिसके बारे में कैबिनेट मंत्री बलजीत कौर ने जानकारी दी। पंजाब की कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि ओवरसीज स्कॉलरशिप पोर्टल उन गरीब परिवारों के बच्चों के लिए खोला गया है जो ग्रेजुएशन के बाद हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाना चाहते हैं। मंत्री ने कहा कि यह स्कीम खास तौर पर उन बच्चों के लिए उपलब्ध होगी जो पढ़ाई करने और हायर एजुकेशन हासिल करने जा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि अब तक पंजाब में यह परंपरा थी कि 12वीं के बाद बच्चों को मजदूरी के काम के लिए बाहर भेज दिया जाता था।

इस स्कॉलरशिप स्कीम के तहत SC बच्चों और भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को शामिल किया जाएगा। डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि इस स्कीम के बारे में जागरूकता बहुत ज़रूरी है, क्योंकि ज़्यादातर समय बच्चे ज़मीन, घर या कोई दूसरी प्रॉपर्टी गिरवी रखकर विदेश चले जाते हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार गरीब परिवारों के बच्चों के साथ खड़ी है, और जो भी बच्चा अपनी मेहनत के दम पर विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहता है, उसकी पूरी मदद की जाएगी।

मुख्य एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और बेनिफिशियरी

  • इनकम लिमिट: इस स्कीम के लिए उन माता-पिता के बच्चों को चुना जाएगा जिनकी सालाना इनकम 8 लाख रुपये से कम है। * एकेडमिक क्वालिफिकेशन: बच्चे के डिग्री में कम से कम 60% मार्क्स होने चाहिए।
  • उम्र सीमा: बच्चे की उम्र 35 साल से कम होनी चाहिए।
  • रिज़र्वेशन: इस स्कीम में लड़कियों को 30% रिज़र्वेशन दिया जाएगा।

सभी जानकारी WWW.nosmsje.gov.in पर जाकर मिल सकती है। इस स्कीम के तहत, दुनिया भर की 500 टॉप यूनिवर्सिटी के नाम बताए जाएंगे, जिनमें एडमिशन लेने वालों को इस स्कीम का फ़ायदा मिलेगा।

फाइनेंशियल मदद और अलाउंस

सरकार इस स्कीम के तहत कई फाइनेंशियल फ़ायदे देगी

  • खर्च: सरकार वीज़ा, टिकट का खर्च और ट्यूशन फ़ीस का खर्च खुद उठाएगी।
  • सालाना मेंटेनेंस अलाउंस: हर साल 13 लाख 17 हज़ार रुपये का सालाना मेंटेनेंस अलाउंस दिया जाएगा, जो कोर्स की लंबाई के हिसाब से तीन या चार साल के लिए हो सकता है।|
  • कंटिंजेंसी अलाउंस: 1 लाख 35 हज़ार रुपये का कंटिंजेंसी अलाउंस दिया जाएगा।
  • मेडिकल इंश्योरेंस: सरकार की तरफ से मेडिकल इंश्योरेंस भी दिया जाएगा।

एक परिवार के दो बच्चों को इस स्कीम का फ़ायदा दिया जा सकता है, हालांकि एक समय में सिर्फ़ एक ही बच्चा इसका फ़ायदा उठा सकता है।

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