Edited By Radhika,Updated: 20 Sep, 2025 11:28 AM

22 सितंबर 2025 की रात सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह ग्रहण रात को 1:11 बजे अपने चरम पर पहुंचेगा और इसका समयकाल तकरीबन सवा दो घंटे का होगा। जिस समय ग्रहण लगेगा उस समय भारत में रात होगी, जिसके चलते ये भारत में नहीं दिखाई देगी। इसी के चलते भारत में...
नेशनल डेस्क: 22 सितंबर 2025 की रात सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह ग्रहण रात को 1:11 बजे अपने चरम पर पहुंचेगा और इसका समयकाल तकरीबन सवा दो घंटे का होगा। जिस समय ग्रहण लगेगा उस समय भारत में रात होगी, जिसके चलते ये भारत में नहीं दिखाई देगी। इसी के चलते भारत में सूतक काल लागू नहीं होगा, लेकिन ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। आइए डिटेल में जानते हैं इसके बारे में-
सूतक काल क्या होता है?
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले से शुरू होने वाला समय सूतक काल कहलाता है। इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी होती है। 22 सितंबर का ग्रहण रात 10:59 बजे शुरू होगा, इसलिए अगर यह भारत में दिखता तो सुबह 10:59 बजे सूतक काल शुरू होना चाहिए था।

भारत में सूतक काल लागू नहीं होगा
यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल भी लागू नहीं होगा। इसका मतलब है कि मंदिरों में पूजा स्थल को बंद करने या शुभ कार्यों पर रोक नहीं लगेगी। फिर भी ग्रहण के दौरान सुबह उठकर साफ-सफाई, स्नान और दान जैसे अच्छे कार्य करने की सलाह दी जाती है।
सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा?
यह सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से अंटार्कटिका, न्यूजीलैंड, दक्षिणी प्रशांत क्षेत्र और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में देखा जाएगा। भारत में तो यह ग्रहण रात के समय हो रहा है, इसलिए दिखाई नहीं देगा।
सूर्य ग्रहण और राहु-केतु का संबंध
सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा राहु या केतु के करीब होते हैं। राहु और केतु छाया ग्रह कहलाते हैं, जो असल में ग्रह नहीं होते, बल्कि चंद्रमा और पृथ्वी की कक्षा के मेल के नोड्स (अंश) हैं। अमावस्या के समय जब ये नोड्स सूर्य के पास होते हैं, तो सूर्य ग्रहण बनता है। पूर्णिमा के दौरान यदि चंद्रमा इन नोड्स के पास होता है, तो चंद्र ग्रहण होता है।