Edited By Mansa Devi,Updated: 13 Dec, 2025 11:10 AM

साल 2025 की आखिरी राष्ट्रीय लोक अदालत आज देशभर में आयोजित की जा रही है। यह उन लोगों के लिए बड़ा मौका है, जिनके ट्रैफिक चालान पेंडिंग हैं। लोक अदालत में चालानों का निपटारा आपसी सहमति से किया जाता है, जिसमें जुर्माना माफ होने या उसमें छूट मिलने की...
नेशनल डेस्क: साल 2025 की आखिरी राष्ट्रीय लोक अदालत आज देशभर में आयोजित की जा रही है। यह उन लोगों के लिए बड़ा मौका है, जिनके ट्रैफिक चालान पेंडिंग हैं। लोक अदालत में चालानों का निपटारा आपसी सहमति से किया जाता है, जिसमें जुर्माना माफ होने या उसमें छूट मिलने की संभावना रहती है। आज इस अवसर का लाभ नहीं उठाया तो अगली राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए अगले साल तक इंतजार करना पड़ सकता है।
दिल्ली में नहीं होगी आज लोक अदालत
इस बार राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन नहीं किया जा रहा है। किसी कारणवश दिल्ली में इसे स्थगित कर दिया गया है, जिसके चलते अब यहां अगली लोक अदालत अगले वर्ष ही लगेगी। आमतौर पर दिल्ली में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन दिल्ली स्टेट लीगल अथॉरिटी (DLSA) के सहयोग से किया जाता है।
विवादों के निपटारे का मंच है अदालत
राष्ट्रीय लोक अदालत को आम लोगों की अदालत भी कहा जाता है। इसका आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत किया जाता है। यहां मामलों का निपटारा लंबी कानूनी प्रक्रिया के बिना, आपसी सहमति से जल्दी और सरल तरीके से किया जाता है।
लोक अदालत में कैसे करें एंट्री
राष्ट्रीय लोक अदालत में शामिल होने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर टोकन लेना जरूरी होता है। इसके लिए दिल्ली पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट traffic.delhipolice.gov.in पर लॉगइन करना होता है। होमपेज पर दिल्ली स्टेट लीगल अथॉरिटी के विकल्प पर क्लिक करते ही टोकन रजिस्ट्रेशन पेज खुल जाता है। यहां नाम, संपर्क नंबर, वाहन रजिस्ट्रेशन नंबर और पेंडिंग चालान की जानकारी भरकर सबमिट करने पर रजिस्ट्रेशन कन्फर्मेशन मैसेज आता है। इसी मैसेज में दिए गए लिंक से टोकन नंबर डाउनलोड किया जा सकता है, जिसे दिखाकर लोक अदालत में शामिल हुआ जा सकता है।
इन चालानों पर मिल सकती है राहत
राष्ट्रीय लोक अदालत में कई सामान्य ट्रैफिक चालानों पर राहत मिल सकती है। इसमें बिना हेलमेट या सीट बेल्ट के ड्राइविंग, रेड लाइट जंप, ओवर स्पीड, PUC या फिटनेस सर्टिफिकेट न होना, गलत पार्किंग, गलत लेन में ड्राइविंग, ट्रैफिक सिग्नल की अनदेखी, बिना लाइसेंस या बिना नंबर प्लेट के वाहन चलाने जैसे मामले शामिल हैं। गलत तरीके से कटे चालानों का समाधान भी यहां किया जा सकता है।
इन मामलों की नहीं होगी सुनवाई
कुछ गंभीर मामलों की सुनवाई राष्ट्रीय लोक अदालत में नहीं होती। इनमें नशे में गाड़ी चलाना, हिट-एंड-रन केस, लापरवाही से ड्राइविंग के कारण मौत, नाबालिग द्वारा वाहन चलाना, रेसिंग या स्पीड ट्रायल, आपराधिक गतिविधियों में वाहन का इस्तेमाल, पहले से अदालत में लंबित मामले और अन्य राज्यों की ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी चालान शामिल हैं।