साइबर अपराध की नई मोडस ऑपरेंडी

Edited By Archna Sethi,Updated: 28 Sep, 2022 07:34 PM

the new modus operandi of cyber crime

देश से बाहर नौकरी करने वालों, पढऩे वालों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। प्रदेश में भी अधिकतर परिवार के बच्चे बाहर जाकर पढ़ाई कर रहे हैं और कई वहीं के स्थाई निवासी हो गए हंै।  साइबर ठग आजकल इसी जानकारी के आधार पर विदेशी रिश्तेदार बनकर साइबर अपराधी खूब...

चंडीगढ़, 28 सितंबर - (अर्चना सेठी) देश से बाहर नौकरी करने वालों, पढऩे वालों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। प्रदेश में भी अधिकतर परिवार के बच्चे बाहर जाकर पढ़ाई कर रहे हैं और कई वहीं के स्थाई निवासी हो गए हंै।  साइबर ठग आजकल इसी जानकारी के आधार पर विदेशी रिश्तेदार बनकर साइबर अपराधी खूब चपत लगा रहे हैं।  रिश्तेदार या दोस्त दूर होने के कारण, चिंता अधिक होती है, जिसका फायदा साइबर ठग उठाते है और अक्सर पीडि़त के पास अंतरराष्ट्रीय कॉल की सुविधा नहीं होती है और वो हड़बड़ाहट में साइबर अपराध में फंस जाता है।

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पंचकूला निवासी प्रेम चंद ने अपनी शिकायत में बताया उसका भतीजा कनाडा में पढ़ाई कर रहा है। शिकायत अनुसार पीडि़त की पत्नी के पास 16 सितंबर को एक अनजान नंबर से एक कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को उसका भतीजा बताया और कहा कि पार्टी के दौरान उसका किसी से झगड़ा हो गया है। झगडे में सामने वाले को चोट लग गयी है और अगर उसका इलाज नहीं करवाया तो पुलिस कार्रवाई की जाएगी। शिकायत अनुसार तीन किश्तों में उसने ठगों को कुल 7.5 लाख रुपये रकम ट्रांसफर की है।   पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि फ्रॉड की जानकारी होने पर प्रेम चंद ने 1930 पर शिकायत दर्ज कार्रवाई जिस पर तुरंत कार्रवाई कर पुलिस ने खाते को फ्रीज कर 2.5 लाख रिफंड करवाए।
 

प्रदेश के इस क्षेत्र में अधिकतर लोगों के रिश्तेदार व बच्चे विदेश में रह रहे हंै और पढाई कर रहे हैं। साइबर ठग अक्सर फेसबुक व अन्य सोशल मिडिया से जुडक़र अपने शिकार को ढूंढते हैं।  वहीं से इन्हें जानकारी प्राप्त होती है और उसी आधार पर अपराध को अंजाम दिया जाता है।  जैसा कि विदित है, ऐसे ही अन्य एक केस में पंचकूला एक व्यक्ति को साइबर अपराधी ने खुद को विदेश में रहने वाला भतीजा बताकर इसी मोडस ऑपरेंडी के तहत 6  लाख की ठगी की थी, जिसमें 1930 पर शिकायत करने के बाद साइबर टीम ने 2.5 लाख रुपए बचाये थे।

 

इसी तरह, एक अन्य मामले में कैथल निवासी साहब सिंह को कनाडा से ठगों ने वकील बनकर फोन किया था।  जिसमें साहब सिंह के रिश्तेदार को पुलिस से लड़ाई होने व डिपोर्ट करने का डर दिखाया था।  उक्त केस में साहब सिंह ने ठगों की बातों में आकर एक लाख रुपये भेज दिए थे लेकिन साइबर फ्रॉड समझ आते, 1930 पर शिकायत दी गई व साइबर टीम ने उक्त केस में 90,000 रुपये बचाने में सफलता हासिल की।  ऐसे ही एक अन्य केस में सोनीपत निवासी महिला से दोस्ती के नाम पर करीबन सवा दो लाख की ठगी की गयी थी जिसकी शिकायत 1930 पर करने के बाद 1.35 लाख रुपए पुलिस द्वारा बचाए गए थे।


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध  ओ पी सिंह ने बताया कि साइबर ठगों के निशाने पर हर वो शख्स है जो किसी भी डिजिटल माध्यम से जुड़ा है। फिर चाहे वो सोशल मीडिया हो या इंटरनेट बैंकिंग। खास तौर से आज के दौर में जब हमारी जि़न्दगी सोशल मिडिया पर एक खुली किताब के समान हो गयी है। बदलते वक्त के साथ साइबर ठगों ने अपने पैंतरे भी बदले हैं।  आज शायद ही कोई शख्स हो जो इंटरनेट का इस्तेमाल  न  करता हो और उसका सोशल मीडिया पर अकाउंट ना हो। आज फेसबुक से लेकर इंस्टाग्राम और ट्विटर से लेकर वाट्सएप तक आपका अकाउंट होगा।  साइबर ठग सोशल मीडिया के जरिये आपसे दोस्ती करते हैं और धीरे-धीरे आपकी ना सिर्फ बैंक से जुड़ी जानकारी बल्कि आपके परिवार की जानकारी भी हासिल कर लेते हंै। विदेश में बच्चों व रिश्तेदारों का होना आजकल एक सामान्य बात हो गयी है और इसी का डर दिखाकर साइबर अपराधी अपने मंसूबों में कामयाब हो रहे हैं। ऐसे में जनता को इस बात का ख्याल रखना है कि सोशल मिडिया एकाउंट्स लॉक रखें जाएँ।  अपनी परिवार की जानकारी सामाजिक ना करें। विदेशी रिश्तेदारों के नाम से आने वाली कॉल पर जल्दबाज़ी ना दिखाएं।  पहले पूरी तरह से संतुष्ट हो जाएँ। उसके बाद ही कोई कदम उठाएं।  साइबर अपराध होने की स्थिति में 1930 पर तुरंत अपनी शिकायत दर्ज करवाएं।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!