Edited By Pardeep,Updated: 24 Jul, 2025 11:56 PM

जैसे ही मानसून दस्तक देता है, नमी, पसीना और उमस से शरीर पर संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है, खासतौर पर प्राइवेट पार्ट्स में। बदलते तापमान और बढ़ती ह्यूमिडिटी के चलते यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) और रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट इंफेक्शन (RTI) जैसी समस्याएं...
नई दिल्ली: जैसे ही मानसून दस्तक देता है, नमी, पसीना और उमस से शरीर पर संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है, खासतौर पर प्राइवेट पार्ट्स में। बदलते तापमान और बढ़ती ह्यूमिडिटी के चलते यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) और रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट इंफेक्शन (RTI) जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। ये संक्रमण पुरुषों और महिलाओं — दोनों को प्रभावित कर सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस मौसम में शरीर का pH लेवल असंतुलित हो जाता है और स्किन लंबे समय तक गीली रहने के कारण फंगल व बैक्टीरियल संक्रमण को बढ़ावा मिलता है। अगर समय रहते इनका इलाज न किया जाए, तो ये सामान्य खुजली से लेकर गंभीर त्वचा रोग और यहां तक कि जननांग संक्रमण में भी बदल सकते हैं।
मानसून में क्यों बढ़ते हैं प्राइवेट पार्ट्स के इंफेक्शन?
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हवा में नमी ज्यादा: स्किन जल्दी सूख नहीं पाती, जिससे नमी वाले हिस्सों में फंगस पनपने लगता है।
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पसीना ज्यादा: खासकर प्राइवेट एरिया, अंडरआर्म्स, गर्दन और पैरों के बीच की त्वचा पर असर पड़ता है।
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गीले कपड़े या टाइट अंडरगारमेंट्स: ये त्वचा को सांस लेने नहीं देते और फंगल ग्रोथ के लिए आदर्श वातावरण बनाते हैं।
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साफ-सफाई की कमी: मानसून में अगर पर्सनल हाइजीन पर ध्यान न दिया जाए, तो संक्रमण जल्दी फैल सकता है।
इन्फेक्शन के लक्षण पहचानें
यदि ये लक्षण 2–3 दिनों में ठीक नहीं होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
कैसे करें बचाव: मानसून में प्राइवेट पार्ट्स की देखभाल के लिए ज़रूरी टिप्स
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त्वचा को सूखा और साफ रखें
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रोज़ नहाएं और खासकर नमी वाले हिस्सों (जैसे प्राइवेट एरिया, अंडरआर्म्स, पैरों के बीच) को अच्छी तरह सुखाएं।
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नहाने के बाद हल्का एंटी-फंगल पाउडर लगाना फायदेमंद हो सकता है।
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ढीले और कॉटन के कपड़े पहनें
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गीले कपड़े और मोजे तुरंत बदलें
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एंटी-फंगल क्रीम या पाउडर का इस्तेमाल करें
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व्यक्तिगत वस्तुओं की साफ-सफाई बनाए रखें
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तौलिया, अंडरगारमेंट्स और सॉक्स केवल खुद के ही इस्तेमाल करें। इन्हें धूप में अच्छी तरह सुखाएं।
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जिम, योगा मैट या स्विमिंग पूल जैसी जगहों पर सफाई को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतें।
अगर संक्रमण हो जाए तो क्या करें?
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बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी स्टेरॉयड युक्त क्रीम या दवा न लगाएं।
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कई क्रीम शुरू में राहत देती हैं लेकिन संक्रमण को जड़ से खत्म नहीं कर पातीं।
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डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें और उनके निर्देशानुसार एंटी-फंगल ट्रीटमेंट का पूरा कोर्स लें।
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इलाज के दौरान टाइट कपड़े, तेज़ साबुन या स्क्रबिंग से बचें।