Edited By Rohini Oberoi,Updated: 03 Dec, 2025 04:20 PM

उत्तर प्रदेश के नोएडा से एक चौंका देने वाली ठगी का मामला सामने आया है। यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी (YEIDA) के 56 वर्षीय वरिष्ठ अधिकारी ब्रजपाल सिंह एक साधारण से व्हाट्सऐप मैसेज के जाल में फंसकर अपनी 1 करोड़ 24 लाख रुपये से अधिक की गाढ़ी कमाई गंवा...
नेशनल डेस्क। उत्तर प्रदेश के नोएडा से एक चौंका देने वाली ठगी का मामला सामने आया है। यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी (YEIDA) के 56 वर्षीय वरिष्ठ अधिकारी ब्रजपाल सिंह एक साधारण से व्हाट्सऐप मैसेज के जाल में फंसकर अपनी 1 करोड़ 24 लाख रुपये से अधिक की गाढ़ी कमाई गंवा बैठे। यह मामला दर्शाता है कि ऑनलाइन दुनिया में किस तरह से फर्जी प्रोफाइल (Fake Profiles) का इस्तेमाल कर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।
'हाय सिमरन' से हुई जालसाजी की शुरुआत
जनवरी 2024 की एक शाम को ब्रजपाल सिंह के फोन पर एक अनजान नंबर से व्हाट्सऐप मैसेज आया जिसमें लिखा था, 'हाय सिमरन'। सिंह ने जवाब देने का फैसला किया और पूछा कि वे कौन हैं। दूसरी तरफ से गलती के लिए तुरंत माफी मांगी गई। इसके बाद नंबरों की गड़बड़ी को लेकर बातचीत शुरू हुई। मैसेज करने वाली ने अपना नाम दिव्या शर्मा बताया जो मुंबई के जुहू इलाके में रहती है और अपनी कंपनी ज़िलियन एक्सपोर्ट्स (Zillion Exports) चलाती है। धीरे-धीरे बातों का सिलसिला काम-धंधे से निजी होता गया।
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गोल्डन ब्रिज इन्वेस्टमेंट का झांसा
असली जाल तब बिछाया गया जब दिव्या ने ब्रजपाल सिंह से उनकी सैलरी पूछी और उन्हें एक्स्ट्रा कमाई (Extra Income) का शानदार मौका देने की बात कही। दिव्या ने सिंह को 'गोल्डन ब्रिज इन्वेस्टमेंट' नाम की एक फर्जी वेबसाइट भेजी जो भारी रिटर्न का वादा करती थी। पहले ट्रायल के लिए सिंह ने 40 हजार रुपये डाले और कुछ ही दिनों में ऐप में लाखों का प्रॉफिट (Profit) दिखने लगा। जब उन्हें 23 लाख रुपये का रिटर्न भी मिला तो उन्हें पूरा भरोसा हो गया कि यह स्कीम सचमुच कमाल की है। 1 फरवरी 2024 से 11 नवंबर 2024 के बीच ब्रजपाल सिंह ने अलग-अलग बैंक खातों में कुल 1 करोड़ 24 लाख 44 हज़ार 339 रुपये से ज़्यादा ट्रांसफर कर दिए। ऐप में उनका बैलेंस 2.24 करोड़ रुपये तक दिख रहा था।
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सारा पैसा हुआ गायब
जब सिंह ने ऐप से पैसा निकालने की कोशिश की तो कस्टमर केयर ने उन्हें बताया कि पहले 30 प्रतिशत टैक्स जमा करना होगा। सिंह ने टैक्स के नाम पर भी लाखों रुपये और डाल दिए। कुछ दिनों बाद दिव्या के मैसेज बंद हो गए उसका नंबर स्विच ऑफ हो गया और वेबसाइट लॉग-इन करना बंद हो गई। सिंह समझ गए कि वह जालसाजी (Cheating) का शिकार हो चुके हैं। सारा पैसा बस कुछ फर्जी प्रोफाइल और फर्जी ऐप का खेल था।
साइबर क्राइम की जांच शुरू
अंत में सोमवार को नोएडा पुलिस के साइबर क्राइम विभाग ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS) की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) और 319(2) (छलपूर्वक पहचान छुपाना) तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की संबंधित धाराओं के तहत जांच शुरू कर दी है।