Edited By rajesh kumar,Updated: 15 Mar, 2023 08:18 PM

विपक्षी दलों के मार्च से तृणमूल कांग्रेस के दूर रहने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बुधवार को कहा कि ‘कांग्रेस हमें हल्के में नहीं ले सकती।'
नेशनल डेस्क: विपक्षी दलों के मार्च से तृणमूल कांग्रेस के दूर रहने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बुधवार को कहा कि ‘कांग्रेस हमें हल्के में नहीं ले सकती।' पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी के सूत्रों ने बताया कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी जिस तरह से तृणमूल काग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी पर टिप्पणियां करते हैं, उसको लेकर टीएमसी का नेतृत्व खफा है।
तृणमूल कांग्रेस ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक एसके मिश्रा को लिखे गए उस पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किये जिसमें अडाणी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने की मांग की गई है। उसने संसद भवन से ईडी मुख्यालय की ओर निकाले गए विपक्षी दलों के मार्च में भी हिस्सा नहीं लिया। पुलिस ने इस मार्च को विजय चौक पर ही रोक दिया। पार्टी के इस रुख के बारे में पूछे जाने पर
कांग्रेस हमें हल्के में नहीं ले सकती- तृणमूल
तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘कांग्रेस हमें हल्के में नहीं ले सकती। एक तरफ उसके वरिष्ठ नेता ‘ममता-अडाणी-मोदी संबंध' का आरोप लगा रहे हैं और दूसरी तरफ यह उम्मीद करते हैं कि तृणमूल उनके साथ खड़ी होगी। कांग्रेस के जिस व्यक्ति ने यह टिप्पणी की, वह लोकसभा में पार्टी का नेता है।'' तृणमूल नेता ने चौधरी का नाम नहीं लिया, हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने हाल ही में पश्चिम बंगाल की सागरदिधि विधानसभा सीट के उपचुनाव में ममता बनर्जी के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोला था।
ममता बनर्जी की पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता का कहना है कि उनका दल इस बात से अवगत है कि विपक्ष की दो प्रमुख पार्टियों के बीच तल्खी के चलते विपक्षी एकजुटता पर असर हो रहा है और नकारात्मक स्थिति बन गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हम कांग्रेस के अलावा दूसरे विपक्षी दलों के संपर्क में हैं। हमने समान विचारधारा वाले दलों को विश्वास में ले रखा है।''