Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 01 Jul, 2025 04:09 PM

मुंबई के मीरा रोड इलाके से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ मराठी भाषा न बोलने पर एक फेरीवाले के साथ खुलेआम मारपीट की गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि इस घटना में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना...
नेशनल डेस्क: मुंबई के मीरा रोड इलाके से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ मराठी भाषा न बोलने पर एक फेरीवाले के साथ खुलेआम मारपीट की गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि इस घटना में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ता शामिल थे। वायरल वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि एक फेरीवाले से जबरदस्ती मराठी में बात करने को कहा गया। जब उस फेरीवाले ने बताया कि वह मराठी नहीं जानता और उत्तर प्रदेश से है तो MNS कार्यकर्ताओं ने उस पर हाथ उठा दिया। एक के बाद एक चार थप्पड़ मारे गए और उसके साथ बदसलूकी की गई।
घटना ने खड़े किए कई सवाल
यह घटना ना सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है बल्कि मुंबई जैसे महानगर में भाषा को लेकर बढ़ती असहिष्णुता को भी उजागर करती है। सवाल यह भी है कि क्या किसी व्यक्ति की भाषा उसकी सुरक्षा पर असर डाल सकती है? मीरा रोड की घटना से पहले भी मुंबई के घाटकोपर इलाके में ऐसा ही एक मामला सामने आया था। वहाँ एक फरसान दुकान में काम करने वाले कर्मचारी को सिर्फ इसलिए ताने मारे गए क्योंकि वह मराठी में बात नहीं कर सका। ग्राहक ने उसे न केवल मराठी सीखने की नसीहत दी बल्कि दुकान बंद करने और मारपीट की धमकी भी दी। यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
राजनीतिक रंग ले रहा है भाषा विवाद
मराठी बनाम हिंदी का यह मुद्दा अब राजनीतिक रंग ले चुका है। MNS, जो हमेशा से "मराठी मानुष" की बात करती आई है, अब एक बार फिर इसी एजेंडे को लेकर सड़कों पर दिख रही है। लेकिन सवाल ये है कि क्या आम जनता के साथ हिंसा कर के कोई भाषा सिखाई जा सकती है?
सोशल मीडिया पर लोग यह भी सवाल कर रहे हैं कि जब यह सब खुलेआम हो रहा है, कैमरे में कैद हो रहा है तो प्रशासन की ओर से कोई कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्या सिर्फ एक भाषा नहीं बोलने की वजह से किसी को मारा-पीटा जा सकता है?