Air India प्लेन क्रैश की असली वजह आई सामने, फ्लाइट AI-171 में पायलट ने हड़बड़ी में चालू इंजन को कर दिया था बंद!

Edited By Updated: 10 Jul, 2025 08:11 AM

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गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून 2025 को दोपहर में हुए एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (फ़्लाइट AI‑171) हादसे की सच्चाई देखने वालों को झकझोर देने वाली है। टेकऑफ़ के तुरंत बाद ही विमान ने एक ओर झुकाव दिखाया और कुछ ही सेकंडों में दुर्घटनाग्रस्त हो...

नेशनल डेस्क:  गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून 2025 को दोपहर में हुए एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (फ़्लाइट AI‑171) हादसे की सच्चाई देखने वालों को झकझोर देने वाली है। टेकऑफ़ के तुरंत बाद ही विमान ने एक ओर झुकाव दिखाया और कुछ ही सेकंडों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसने घटनास्थल पर अफरातफ़री मचा दी और 275 लोगों की जान चली गई- जिनमें 241 विमान पर सवार लोग और 34 MBBS छात्र व डॉक्टर शामिल हैं। यह तब और भी दिल दहला देने वाला हो गया जब इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी अपनी जान गंवा बैठे।

अब इस हादसे की जांच रिपोर्ट 11 जुलाई 2025 तक सामने आ सकती है, जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि आखिर इतनी बड़ी त्रासदी कैसे हुई। हालांकि हादसे की तस्वीर और कुछ वायरल वीडियो के आधार पर एविएशन एक्सपर्ट्स और पायलटों ने कई संभावित कारण गिनाए हैं, जो हम यहां चरणबद्ध तरीके से आपके सामने रख रहे हैं।

हादसे का पूरा घटनाक्रम और संभावित कारण:
1. टेकऑफ के तुरंत बाद प्लेन का झुकना

वायरल वीडियो में देखा गया कि फ्लाइट AI-171 जब 1:39 बजे दोपहर को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरती है, तो लगभग 425 फीट (समुद्र तल से 625 फीट) की ऊंचाई पर पहुंचते ही उसका बायां (लेफ्ट) विंग नीचे की ओर झुकता दिखाई देता है। दाएं (राइट) विंग में कोई गड़बड़ी नहीं थी। यह झुकाव सामान्य नहीं है और पायलटिंग के नियमों के अनुसार इतनी कम ऊंचाई पर कोई मोड़ या दिशा परिवर्तन भी नहीं किया जाता।

2. बाएं इंजन का फेल होना – मुख्य कारण
जानकारों का मानना है कि प्लेन का बायां इंजन टेकऑफ के दौरान ही फेल हो गया था, जिसके कारण विमान असंतुलित हो गया और एक तरफ झुकने लगा।

3. टेकऑफ के बाद इंजन फेल की जानकारी मिली पायलट को
तकनीकी जांच के बावजूद यह संभव है कि इंजन फेल जैसी गंभीर तकनीकी खराबी टेकऑफ के वक्त ही उजागर हो। ऐसा ही कुछ AI-171 के साथ हुआ। पायलट सुमित सभरवाल को उड़ान के बाद पता चला कि एक इंजन काम नहीं कर रहा है।

4. दूसरे इंजन के सहारे उड़ान संभव थी
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर जैसे विमान एक इंजन से भी उड़ान जारी रख सकते हैं। आमतौर पर ऐसी स्थिति में पायलट प्लेन को नियंत्रित करते हुए निकटतम हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग करते हैं।

5. क्या दूसरा इंजन भी फेल हो गया था?
विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसा नहीं हुआ। वीडियो से स्पष्ट है कि राइट विंग सामान्य स्थिति में था, जिसका अर्थ है कि राइट इंजन पूरी तरह कार्यरत था।

6. पायलट को फेल इंजन तुरंत बंद करना चाहिए था
प्रशिक्षण के अनुसार, अगर कोई इंजन फेल हो जाए, तो पायलट को उसे बंद कर देना चाहिए ताकि वह प्लेन के बाकी सिस्टम को प्रभावित न करे और दूसरा इंजन ठीक तरह काम कर सके।

7. इंजन बंद करने की प्रक्रिया क्या होती है?
प्लेन के कॉकपिट में दो लीवर होते हैं, जो इंजन को ऑन या ऑफ करते हैं। फेल इंजन का लीवर खींचकर उसे फ्यूल सप्लाई से काट दिया जाता है।

8. गलती से सही इंजन बंद कर दिया पायलट ने?
संभावना जताई जा रही है कि पायलट ने हड़बड़ी में गलत लीवर खींच लिया और कार्यरत राइट इंजन को बंद कर दिया। जब यह गलती हुई, तब प्लेन बहुत कम ऊंचाई पर था, जिससे पायलट को सुधार का वक्त ही नहीं मिल सका।

9. फिर से इंजन स्टार्ट क्यों नहीं कर सके?
प्लेन का इंजन बंद होने के बाद उसे दोबारा स्टार्ट करने में कुछ सेकंड लगते हैं, लेकिन AI-171 को वो सेकंड भी नसीब नहीं हुए। इंजन बंद होते ही प्लेन तेजी से नीचे गिरा और हॉस्पिटल बिल्डिंग से टकराकर आग का गोला बन गया।

10. पायलट का आखिरी संदेश
ATC (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) को भेजा गया पायलट सुमित सभरवाल का आखिरी संदेश बेहद मार्मिक था:  Mayday, Mayday, Mayday... थ्रस्ट नहीं मिल रहा। पावर कम हो रही है, प्लेन उठ नहीं रहा। नहीं बचेंगे। 

हादसे के दुखद परिणाम
विमान में मौजूद लोग: 229 यात्री, 2 पायलट और 10 क्रू मेंबर – कुल 241 की मृत्यु

हॉस्पिटल पर गिरा विमान: नीचे मौजूद बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की मैस और अस्पताल की इमारत पर प्लेन गिरने से वहां मौजूद 34 मेडिकल छात्र और डॉक्टरों की भी मौत
 एकमात्र जीवित यात्री: चमत्कारिक रूप से विश्वास रमेश कुमार, जो सीट 11A पर बैठे थे, इस भयानक हादसे में बच निकले।

जांच में तेजी, ब्लैक बॉक्स से मिलेगा जवाब
12 जून को क्रैश के तुरंत बाद ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया था। इसमें पायलट और एटीसी के बीच हुई बातचीत, विमान के तकनीकी डाटा और हर सेकंड की स्थिति रिकॉर्ड होती है। दिल्ली में 14 जून को उड़ान भवन में भारत की पहली अत्याधुनिक ब्लैक बॉक्स लैब (Digital Flight Data Recorder और Cockpit Voice Recorder लैब) की शुरुआत की गई, जिसकी लागत ₹9 करोड़ बताई गई है। यहां ब्लैक बॉक्स की गहराई से जांच की जा रही है।

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