Edited By Radhika,Updated: 01 Dec, 2025 01:01 PM

सरकार ने जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर खत्म होने के बाद भी तंबाकू, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों पर कुल कर भार समान बनाए रखने के लिए सोमवार को दो विधेयक लोकसभा में पेश किए। इनके जरिये जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर की जगह नया उपकर लगाया जाएगा। वित्त मंत्री...
नेशनल डेस्क: सरकार ने जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर खत्म होने के बाद भी तंबाकू, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों पर कुल कर भार समान बनाए रखने के लिए सोमवार को दो विधेयक लोकसभा में पेश किए। इनके जरिये जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर की जगह नया उपकर लगाया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में विपक्षी दलों की भारी नारेबाजी के बीच ये विधेयक पेश किए। विपक्षी सदस्य मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कुछ अन्य विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा कर रहे थे।
तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय और द्रमुक सांसद कथिर आनंद ने इन विधेयकों को पेश किये जाने का विरोध किया। रॉय ने आरोप लगाया कि इनमें तंबाकू पर उत्पाद शुल्क वसूलने का प्रावधान है, लेकिन तंबाकू उत्पादों के सेहत पर हानिकारक प्रभाव पड़ने के पहलू की उपेक्षा की गई है। कथिर आनंद ने कहा कि जनता पर कर का और अधिक बोझ डालने की कोशिश की जा रही है। केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक, 2025 के तहत सिगरेट सहित विभिन्न तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क लगाया जाएगा, जो तंबाकू पर लगाए जा रहे जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर का स्थान लेगा।
‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025' पान मसाला पर लगाए जाने वाले क्षतिपूर्ति उपकर की जगह लेगा। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े खर्चों के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाना है। इसके तहत उन मशीनों या प्रक्रियाओं पर उपकर लगाया जाएगा, जिनके माध्यम से उक्त वस्तुओं का निर्माण या उत्पादन किया जाता है। वर्तमान में तंबाकू और पान मसाला पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू है, और इसके साथ ही अलग-अलग दरों पर क्षतिपूर्ति उपकर भी वसूला जाता है।