Edited By Radhika,Updated: 05 Dec, 2025 05:44 PM

भारत और रूस ने अमेरिका द्वारा दंडात्मक शुल्क और प्रतिबंध लगाने से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए शुक्रवार को आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक पंचवर्षीय योजना पर सहमति बनायी है।
नेशनल डेस्क: भारत और रूस ने अमेरिका द्वारा दंडात्मक शुल्क और प्रतिबंध लगाने से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए शुक्रवार को आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक पंचवर्षीय योजना पर सहमति बनायी है। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि यूक्रेन में युद्ध को बातचीत के जरिए समाप्त किया जाना चाहिए। शिखर वार्ता के बाद मोदी और पुतिन ने एकजुट होकर दोनों देशों के बीच आठ दशक से अधिक पुरानी साझेदारी को नयी गति प्रदान करने की अपनी इच्छा प्रदर्शित की। दोनों देशों ने 2030 के आर्थिक कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के अलावा, स्वास्थ्य, गतिशीलता और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
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मोदी ने द्विपक्षीय शिखर वार्ता के बाद अपने मीडिया वक्तव्य में कहा, ‘‘गत आठ दशकों में दुनिया ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुजरना पड़ा है। इसके बावजूद भारत-रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह अडिग रही है।' प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए तैयार खाके का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत-रूस आर्थिक साझेदारी को नयी ऊंचाइयों पर ले जाना अब दोनों पक्षों की साझा प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भारत और रूस यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए)को जल्द से जल्द पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। दोनों शासनाध्यक्षों के बीच बातचीत के दौरान यूक्रेन युद्ध का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा। मोदी ने कहा कि भारत ने उस देश में शांति की वकालत की है।
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उन्होंने कहा, ‘‘हम इस मामले के शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत हमेशा अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और भविष्य में भी ऐसा ही करता रहेगा।'' प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खतरे पर कहा कि भारत और रूस लंबे समय से इस खतरे के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे पहलगाम में आतंकवादी हमला हो या क्रोकस सिटी हॉल पर कायरतापूर्ण हमला - इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है।'' मोदी ने कहा, ‘‘भारत का यह दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा हमला है और इसके खिलाफ वैश्विक एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है।''
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मोदी ने कहा कि दुर्लभ खनिज क्षेत्र में भारत-रूस सहयोग पूरी दुनिया में सुरक्षित और विविध आपूर्ति शृंखला सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि दोनों पक्षों ने सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, व्यापार और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि हम वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं। पुतिन ने कहा कि रूस भारत के साथ ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनका देश भारत को ईंधन की निर्बाध आपूर्ति के लिए तैयार है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि हम छोटे ‘मॉड्यूलर' परमाणु रिएक्टर और ‘फ्लोटिंग' परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण में सहयोग को लेकर भी बात कर सकते हैं। पुतिन ने कहा कि रूस, भारत और अन्य समान विचारधारा वाले राष्ट्र एक न्यायसंगत और बहुध्रुवीय विश्व की दिशा में काम कर रहे हैं।