कफ सिरप से बच्चों की मौत पर देश भर में हड़कंप, तमिलनाडु-केरल में भी बैन, 6 राज्यों में जांच शुरू

Edited By Updated: 05 Oct, 2025 12:58 PM

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देशभर में जहरीली कफ सिरप से बच्चों की मौतों का मामला बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 11 और राजस्थान में 3 बच्चों की मौत के बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की। डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया गया और Sresan Pharmaceutical के खिलाफ FIR दर्ज...

नेशनल डेस्क: देशभर में जहरीली कफ सिरप से बच्चों की मौतों का मामला तेजी से बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 11 और राजस्थान में 3 बच्चों की मौत के बाद केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट मोड में आ गई हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने तमिलनाडु फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) को 'कोल्ड्रिफ' सिरप के निर्माता तमिलनाडु की Sresan Pharmaceutical कंपनी के खिलाफ 'सबसे गंभीर अपराधों' के तहत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों, स्वास्थ्य सचिवों तथा औषधि नियंत्रकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित करने वाले हैं। इसमें कफ सिरप के तर्कसंगत उपयोग और दवाओं की गुणवत्ता पर विस्तृत चर्चा होगी।

मध्य प्रदेश में 11 मौतें: डॉक्टर गिरफ्तार, कंपनी पर FIR दर्ज
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया उपमंडल में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से जुड़ी 11 बच्चों की मौत के बाद प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। शनिवार देर रात डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया, जिन्होंने मृतकों में अधिकांश बच्चों को यह सिरप लिखा था। इससे पहले शनिवार को परासिया थाने में डॉक्टर सोनी और कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली Sresan Pharmaceuticals के संचालकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई।

मामला ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 27(A), बीएनएस की धारा 105 और 276 के तहत दर्ज किया गया। परासिया सीएचसी के बीएमओ अंकित सहलाम की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई। लैब रिपोर्ट में पाया गया कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) की मात्रा 48.6% थी, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है।

छिंदवाड़ा कलेक्टर हरेंद्र नारायण ने बताया, "हमने एसपी से बात की है। सभी लैब रिपोर्ट और दस्तावेज सौंप दिए हैं। जांच से कमियों का पता लगाया जाएगा। निर्माता कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, क्योंकि लैब रिपोर्ट में खतरनाक पदार्थ की उच्च मात्रा पाई गई। जिले ने तुरंत दवा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। प्रतिबंध से पहले सेवन करने वाले बच्चों के ठीक होने की उम्मीद है। परासिया उपमंडल में 11 मौतें हुई हैं।"

मृत बच्चों के नाम:
शिवम
विधि
अदनान
उसैद
ऋषिका
हेतांश
विकास
चंचलेश
संध्या
अभी दो मौतों की सूचना है:
10. श्रेया (16 सितंबर को मौत, रिपोर्ट कल आई)
11. योगिता (4 अक्टूबर)

मध्य प्रदेश सरकार ने शनिवार को कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने X पर कहा, "छिंदवाड़ा में बच्चों की मौतें अत्यंत दुखद हैं। इस सिरप की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। कंपनी के अन्य उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगेगा। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।" प्रत्येक मृतक बच्चे के परिवार को 4 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, और इलाजरत बच्चों का पूरा खर्च राज्य वहन करेगा।

राजस्थान में 3 बच्चों की मौत: जांच जारी, मंत्री ने खारिज किए आरोप
राजस्थान के जयपुर में शनिवार को छह वर्षीय बच्चे अंश की मौत हो गई, जो चूरू से जेके लॉन अस्पताल रेफर किया गया था। परिवार का दावा है कि बच्चे को घर पर कफ सिरप दिया गया था, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। चूरू के एक अस्पताल में तीन दिनों तक भर्ती रहने के बाद शनिवार सुबह 4 बजे जयपुर पहुंचे बच्चे की सुबह 10 बजे मौत हो गई।

अधिकारी ने बताया कि बच्चा तीव्र मस्तिष्क ज्वर (एक्यूट ब्रेन फीवर) से पीड़ित था। यह मौत उन 14 बच्चों की मौतों का हिस्सा है, जिनमें 11 मध्य प्रदेश में और 3 राजस्थान में हुईं। इससे पहले राजस्थान की दो मौतें भरतपुर और सीकर में हुईं, जहां आरोप है कि सरकारी अस्पतालों की मुफ्त दवा योजना के तहत Dextromethorphan hydrobromide syrup IP दिया गया था। यह दवाई प्राइवेट फार्मा कंपनी KAYSONS Pharma तैयार करती है। यहां सिरप पीने के बाद बच्चों की किडनी फेल हो गई।

हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि जांच में सिरप सुरक्षित पाया गया। राज्य स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खिमसर ने कहा, "हमने दवा की दो बार जांच कराई। पहले ड्रग कंट्रोलर ने और फिर RMSCL ने टेस्ट किया। इसमें कोई खराबी नहीं पाई गई।" राजस्थान सरकार ने ड्रग कंट्रोलर को निलंबित कर दिया है और KAYSONS Pharma की दवाओं का वितरण रोक दिया है।

तेलंगाना और केरल में सतर्कता, बिक्री पर रोक
तेलंगाना ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन ने शनिवार को कोल्ड्रिफ सिरप (बैच नंबर SR-13) पर 'पब्लिक अलर्ट-स्टॉप यूज नोटिस' जारी किया। एजेंसी ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में मौतों की रिपोर्ट पर कहा कि सिरप में DEG की मिलावट पाई गई है, जो जहरीला पदार्थ है। केरल में भी ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री निलंबित कर दी। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा, "फ्लैग्ड बैच केरल में बिका नहीं, लेकिन सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। अन्य कफ सिरपों के सैंपल भी टेस्ट हो रहे हैं।"

CDSCO की जोरदार कार्रवाई, 6 राज्यों में जांच शुरू
CDSCO ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में मौतों के बाद छह राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र—में दवा फैक्ट्रियों का निरीक्षण शुरू कर दिया है। 19 सैंपल लिए गए हैं, जिनमें कफ सिरप, एंटीपायरेटिक्स और एंटीबायोटिक्स शामिल हैं। निरीक्षण का उद्देश्य दवा गुणवत्ता में कमियों का पता लगाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के स्रोतों के अनुसार, तमिलनाडु के कांचीपुरम में Sresan Pharma की इकाई से एकत्र कोल्ड्रिफ सिरप के सैंपल में DEG की मात्रा 48.6% पाई गई। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने सिरप की बिक्री प्रतिबंधित कर दी और बाजार से हटाने का आदेश दिया। फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया और नए सैंपल लिए गए। मध्य प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश ड्रग अथॉरिटी से दूसरे संदिग्ध कफ सिरप की जांच के लिए कहा है।

मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि CDSCO के टेस्ट किए गए 6 सैंपल (एंटीबायोटिक्स, एंटीपायरेटिक्स और ओन्डांसेट्रॉन सहित) में DEG-EG नहीं पाया गया। ये सैंपल छिंदवाड़ा के बीमार बच्चों को पिलाई गई अन्य दवाओं के थे। कोल्ड्रिफ और दूसरे संदिग्ध सिरप के सैंपल की राज्य-स्तरीय जांच जारी है। मध्य प्रदेश फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से टेस्ट किए गए तीन सैंपल भी साफ पाए गए।

अब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, नेशनल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, CDSCO और IIMS-नागपुर के विशेषज्ञों की टीम छिंदवाड़ा क्षेत्र में मौतों के कारणों का विश्लेषण कर रही है। यहां 7 सितंबर से अब तक 11 बच्चे किडनी फेलियर से मर चुके हैं, जबकि 13 बच्चे (8 छिंदवाड़ा और 5 नागपुर) इलाजरत हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने की सलाह जारी की है। यह मामला 2022 के गैम्बिया कफ सिरप विवाद की याद दिला रहा है, जहां भारतीय दवाओं से 70 बच्चों की मौत हुई थी। केंद्र सरकार ने दवा नियामक तंत्र को मजबूत करने के लिए नई गाइडलाइंस जारी करने की योजना बनाई है।

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