Heavy Rain Alert: दशहरे से पहले बिगड़ा मौसम! अगले 3-4 दिनों तक भारी बारिश मचाएगी तांडव, IMD ने कई राज्यों के लिए जारी किया हाई अलर्ट

Edited By Updated: 01 Oct, 2025 03:37 PM

weather worsens ahead of dussehra heavy rains will wreak havoc for the next 3 4

बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने निम्न दबाव के सिस्टम के कारण लौटता मॉनसून कई राज्यों पर जमकर बरस रहा है। मंगलवार को राजस्थान, गुजरात, कोंकण, गोवा, नई दिल्ली और आंध्र प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई। इस अचानक हुई बारिश...

नेशनल डेस्क: बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने निम्न दबाव के सिस्टम के कारण लौटता मॉनसून कई राज्यों पर जमकर बरस रहा है। मंगलवार को राजस्थान, गुजरात, कोंकण, गोवा, नई दिल्ली और आंध्र प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई। इस अचानक हुई बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया; कई इलाकों में जलभराव के कारण रास्ते रुक गए, वहीं दशहरे के लिए बनाए गए रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले भीगकर खराब हो गए, जिससे छोटे कारीगरों को भारी नुकसान हुआ है। राजधानी दिल्ली में भारी वर्षा के बाद, कुछ एयरलाइंस ने यात्रियों के लिए उड़ानों में संभावित देरी की चेतावनी (एडवाइजरी) भी जारी की है।

कृषि के लिए वरदान, आगे भी जारी रहेगा बारिश का दौर
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह बारिश रबी की फसल की बुवाई के लिए वरदान साबित होगी। हालांकि, यह खेतों में कटी पड़ी खरीफ की फसलों को थोड़ा नुकसान पहुँचा सकती है, पर अधिकतर क्षेत्रों में फसलों की कटाई हो चुकी है। कृषि विशेषज्ञ सुरेश सिंह शेखावत के अनुसार, लौटता मॉनसून आगामी रबी फसलों की बुवाई के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।

मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अगले सात दिनों तक मौसम प्रणालियों में नए निम्न दबाव और पश्चिमी विक्षोभ बनने की संभावना है। इस वजह से उत्तरी-पश्चिमी भारत (जिसमें राजस्थान, दिल्ली, पंजाब जैसे राज्य शामिल हैं) के साथ-साथ तटीय व अन्य राज्यों में तेज गर्जना के साथ तूफानी या भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी। IMD के पोस्ट मॉनसून (अक्टूबर से दिसंबर) पूर्वानुमान के मुताबिक, आगामी दिनों में देश भर में बारिश की गतिविधियाँ जारी रहने की उम्मीद है।

दिल्ली से जयपुर तक जलभराव
मंगलवार को राजस्थान और आंध्र प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर, तथा गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्रों में 110 मिमी तक बारिश रिकॉर्ड की गई। राजधानी नई दिल्ली के अलावा राजस्थान के जयपुर, अजमेर और धौलपुर सहित कई इलाकों में भारी बारिश हुई, जिसके कारण जयपुर में कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई।

बारिश होने के मुख्य कारण
इस समय बारिश के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
निम्न दबाव का सिस्टम: 30 सितंबर को अरब सागर की खाड़ी से सटे सौराष्ट्र व कच्छ में एक निम्न दबाव का सिस्टम बना।
नया सिस्टम: 1 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में एक और नया सिस्टम बनेगा, जिसका असर अगले तीन दिनों तक रहेगा।
पश्चिमी विक्षोभ: 4 अक्टूबर से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जो उत्तरी-पश्चिमी भारत (राजस्थान, दिल्ली, पंजाब) के अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित करेगा।


49 साल का रिकॉर्ड टूटा: मॉनसून सीजन में 8% अधिक वर्षा
इस साल देश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सीजन (1 जून से 30 सितंबर) उम्मीद से कहीं ज्यादा मेहरबान रहा। देश में दीर्घकालिक औसत से 8 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई। औसत 868.6 मिमी के मुकाबले इस सीजन में 937.2 मिमी बारिश हुई। इससे देश के अधिकतर जलाशय लबालब हो गए, लेकिन कई जगह बाढ़-आपदा के हालात भी बने। पूरे सीजन में मॉनसून का पैटर्न बदला हुआ नजर आया, और इस बार देश में 70 बार औसत से ज्यादा बारिश हुई, जिसने 49 साल का पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया।

पोस्ट-मॉनसून का पूर्वानुमान: सामान्य से 115% अधिक वर्षा संभव
IMD ने मंगलवार को पोस्ट-मॉनसून सीजन (अक्टूबर से दिसंबर 2025) के लिए पूर्वानुमान जारी किया है। विभाग के अनुसार, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से 112 प्रतिशत अधिक वर्षा होने की सबसे अधिक संभावना है। वहीं, अक्टूबर महीने में पूरे देश में 115 प्रतिशत से अधिक बारिश दर्ज हो सकती है। यह अतिरिक्त बारिश बाढ़ और परिवहन व्यवधानों का खतरा बढ़ा सकती है, इसलिए विभाग ने सभी एजेंसियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। हालांकि, सबसे ज्यादा भारी बारिश दक्षिण भारत में होगी, जबकि शेष राज्यों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश का दौर चलेगा।

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