'जो कहा सो किया', CAA लागू होने के बाद बोली BJP- मोदी सरकार ने पूरी की एक और गारंटी

Edited By Yaspal,Updated: 11 Mar, 2024 07:04 PM

whatever is said is done  bjp said after caa implementation

देश में नागरिकता कानून (CAA) लागू होने के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में जश्न का माहौल है। सीएए लागू होने के बाद उत्तरी बंगाल में लोगों ने जश्न मनाया। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर कहा, “जो कहा सो किया, मोदी सरकार ने...

नेशनल डेस्कः देश में नागरिकता कानून (CAA) लागू होने के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में जश्न का माहौल है। सीएए लागू होने के बाद उत्तरी बंगाल में लोगों ने जश्न मनाया। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर कहा, “जो कहा सो किया, मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी कर पूरी की अपनी गारंटी।“


बता दें कि विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), 2019 को लागू करने से जुड़े नियमों को सोमवार को अधिसूचित कर दिया गया जिससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से दस्तावेज के बिना आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एक बार सीएए के नियम जारी हो जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार 31 दिसंबर,2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी।

सीएए को दिसंबर, 2019 में संसद में पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी, लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये थे। यह कानून अब तक लागू नहीं हो सका था क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अब तक अधिसूचित किया जाना बाकी था, लेकिन अब रास्ता साफ हो गया है। संसदीय कार्य नियमावली के अनुसार, किसी भी कानून के नियम राष्ट्रपति की मंजूरी के छह महीने के भीतर तैयार किए जाने चाहिए अन्यथा सरकार को लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधान समितियों से अवधि में विस्तार करने की मांग करनी होगी। वर्ष 2020 से गृह मंत्रालय नियम बनाने के लिए संसदीय समिति से नियमित अंतराल पर अवधि में विस्तार प्राप्त करता रहा है।

गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आवेदकों को वह वर्ष बताना होगा जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। एक अधिकारी ने कहा, आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। वर्ष 27 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए को लागू होने से को कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है। इस बीच, पिछले दो वर्षों में नौ राज्यों के 30 से अधिक जिला अधिकारियों और गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम-1955 के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने की शक्तियां दी गई हैं।

गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, एक अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक इन तीन देशों के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई। वे नौ राज्य जहां पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत पंजीकरण या देशीयकरण द्वारा भारतीय नागरिकता दी जाती है उनमें गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र शामिल हैं। असम और पश्चिम बंगाल में यह मुद्दा राजनीतिक रूप से बहुत संवेदनशील है, लेकिन सरकार ने इन दोनों राज्यों में से किसी भी जिले को अब तक नागरिकता प्रदान करने की शक्ति नहीं प्रदान की है। 

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!