Edited By vasudha,Updated: 15 Feb, 2021 12:42 PM
भारतीय यूजर्स की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर उच्चतम न्यायालय सख्त दिखाई दे रहा है। इसीके तहत कोर्ट ने साेमवार को यूरोपीय उपयोगकर्ताओं की तुलना भारतीयों के लिए निजता के कम मानकों का आरोप लगाने वाली याचिका पर फेसबुक और व्हाट्सऐप को नोटिस जारी किया है।...
नेशनल डेस्क: भारतीय यूजर्स की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर उच्चतम न्यायालय सख्त दिखाई दे रहा है। इसीके तहत कोर्ट ने साेमवार को यूरोपीय उपयोगकर्ताओं की तुलना भारतीयों के लिए निजता के कम मानकों का आरोप लगाने वाली याचिका पर फेसबुक और व्हाट्सऐप को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने वॉट्सऐप से कहा कि, ये हमारा अधिकार है कि हम यूजर्स की प्राइवेसी की रक्षा करें।
लोगों की प्राइवेसी को कोई खतरा नहीं: व्हाट्सऐप
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने फेसबुक और व्हाट्सएप को नई सिक्योरिटी पॉलिसी को लेकर नोटिस जारी करते हुए कहा कि यूजर की प्राइवेसी को सुरक्षित रखा जाना बेहद महत्वपूर्ण है। लोग कंपनी से ज्यादा अपनी निजता को अहमियत देते हैं। कोर्ट ने कहा कि लोगों को गंभीर आशंका है कि वे अपनी निजता खो देंगे और उनकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। व्हाट्सऐप की ओर से एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि पॉलिसी से प्राइवेसी को लेकर कोई खतरा नहीं है. ये पूरी तरह से सुरक्षित है। यूरोप में निजता को लेकर विशेष कानून है, अगर भारत में भी ऐसा ही कानून होगा, तो उसका पालन करेंगे।
मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद
कोर्ट ने वॉट्सऐप से कहा कि कंपनी ये भी बताए कि वो यूजर्स का कौन सा डाटा शेयर कर रही है और कौन सा नहीं। नई प्राइवेसी पॉलिसी के अनुसार, वॉट्सऐप यूजर्स का डेटा ग्लोबली शेयर करता है। ये सबकुछ इंटरनली शेयर होता है जिसमें फेसबुक भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के जवाब में फेसबुक और व्हाट्सएप को यह बात स्पष्ट करनी होगी कि यूजर्स का किस तरह का डेटा शेयर किया जा रहा है और किस तरह का डेटा शेयर नहीं किया जा रहा। मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी।